कपिल वासुदेवा। नगरोटा बगवां
हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने बुधवार को जिला कांगड़ा के शाहपुर, धर्मशाला, देहरा एवं नगरोटा बगवां का दौरा करके निजी बस ऑपरेटरों से बैठक कर उनकी समस्याओं को साझा किया।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की लाइफलाइन कही जाने वाली निजी बस सेवा की कोविड-19 महामारी के चलते अढ़ाई महीने से किसी ने सुध नहीं ली, जिस कारण निजी बस ऑपरेटर सरकार से खफा हैं, क्योंकि निजी बस ऑपरेटरों ने हर मुश्किल घड़ी में सरकार का साथ दिया है और कोरोना महामारी में भी जब हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालकों-परिचालकों ने प्रवासियों को प्रदेश के बाहर छोडऩे को मना कर दिया तो निजी बस ऑपरेटर आगे आए तथा निजी बसों के चालकों व परिचालकों ने कोरोना योद्धाओं के रूप में कार्य किया और प्रवासियों को बाहरी प्रदेशो में उनके घरों तक पहुंचाया।
इन हालात में सरकार ने उनके साथ सौतेला व्यवहार किया है, क्योंकि कोरोना योद्धाओं के रूप में कार्य करने पर परिवहन निगम के चालकों व परिचालकों का तो 50-50 लाख रुपये का बीमा कर दिया और निजी चालकों व परिचालकों को यदि 40-40 हजार का बीमा कर दिया जाता तो उनका हौसला बढ़ जाता। उन्होंने कहा कि लगातार डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, बसों का बीमे में बढ़ोतरी एवं पाट्र्स महंगे हुए हैं, ऐसे में निजी बस ऑपरेटर अपनी गाडिय़ां चलाने में असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा कि या तो सरकार ने एचआरटीसी को घाटे से उबारने के लिए 56 करोड़ रुपये की ग्रांट दे दी, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों से अन्याय किया। सरकार निजी बस ऑपरेटरों को भी आर्थिक मदद करे या फिर किराया बढ़ाए, तभी बस ऑपरेटर बसें चला पाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने 4 महीने 11 दिन का रोड टैक्स व अन्य कर माफ कर निजी बस ऑपरेटरों को काफी राहत प्रदान की है, लेकिन हमारी मांग है कि उनका कम से कम एक साल का टैक्स माफ किया जाए, ताकि निजी बस ऑपरेटर उबर पाएं।