देवेंद्र गुप्ता। सुंदरनगर
कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने कुछ हिदायतों के साथ बसों को चलाने का फैसला लिया, ताकि लोगों को राहत मिल सके। हालांकि पहली जून से बसें चलाने का फैसला लिया गया है, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों ने बसें चलाने से पहले सरकार को दस सूत्री एजेंडा सौंपा है।
इस बारे में द मंडी निजी बस ऑपरेटर यूनियन की बैठक मंडी जिला के कंसा चौक में जिला प्रधान सुरेश कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुसरण करते हुए निजी बस ऑपरेटरों ने पहली जून से बसें नहीं चलाने का निर्णय लिया है।
इस संदर्भ में 10 मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करके एक एजेंडा उपायुक्त मंडी के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा गया। इसमें बस ऑपरेटरों ने सशर्त बस चलाने के लिए सरकार से अपील की है। निजी बस ऑपरेटरों ने एचआरटीसी की तर्ज पर निजी बस के चालक और परिचालक का बीमा, डीजल आपूर्ति में 50 फीसदी अनुदान, लॉकडाउन पीरियड के दौरान चालक और परिचालक को कानून के तहत गुजारा भत्ता, बस मालिकों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह, बैंक के ऋण माफ हों या उन पर ब्याज न वसूला जाए, गाडिय़ों का बीमा स्थगित किया जाए, अड्डा फीस न वसूली जाए, विशेष पथकर और टोकन टैक्स 2020 को पूरी तरह से माफ किया जाए, निजी बसों को भी सेनेटाइज करने की व्यवस्था की जाए और निजी और सरकारी बसों की सोशल डिस्टेंसिंग को तय करने को पुलिस बस स्टैंड पर मौजूद रहे सहित कई और मांगें भी रखीं।
गौरतलब है कि प्रदेश में 3300 के करीब निजी और 35 सौ के करीब सरकारी बसे हंै। उधर, आरएम सुंदरनगर विनोद कुमार ने बताया कि हम सरकारी बसें चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हंै।