हिमाचल दस्तक ब्यूरो। नाहन
हिमाचल प्रदेश मान्यता प्राप्त निजी स्कूल एसोसिएशन ने हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रस्तावित स्कूल फीस बिल पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस सिलसिले में जिला सिरमौर के मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के संचालक जिला मुख्यालय नाहन स्थित उपायुक्त कार्यालय व शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय पहुंचे।
इस दौरान सरकार के निजी स्कूल फीस बिल के विरोध में एक ज्ञापन व बिल पर आपत्तिया को लेकर एक शिकायत राज्य के मुख्यमंत्री, शिक्षा मन्त्री व निदेशक उच्च शिक्षा को दी गई।
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि स्कूल फीस बिल शिक्षा का गला घोटने का काम करेगा। यह बिल असंवैधानिक है क्योंकि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि निजी गैर सहायता पर्याप्त स्कूलों की फीस को सरकार नियंत्रित नहीं कर सकती।
सिरमौर जिला मान्यता प्राप्त निजी स्कूल संघ के पदाधिकारियों में शामिल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष कुंदन ठाकुर, वरिष्ठ पदाधिकारी नरेंद्र पाल नारंग ने बताया कि हर स्कूल अपनी-अपनी सुविधाओं के आधार पर फीस लेता है। उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश ने भी 24 अगस्त 2020 के फैसले में भी स्कूलों की स्वतंत्रता को बरकरार रखा है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह बिल लाती है तो लगभग सभी स्कूल बंद हो जाएंगे और कुछ बन्द भी हो गये हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल मे भी ऑनलाइन शिक्षा देना निजी स्कूल संचालको के लिए एक बडी चुनौती थी, परन्तु फिर भी अध्यापकों ने इस चुनौती का मुकाबला करके बेहतर शिक्षा दी है। हिमाचल प्रदेश इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. गुलशन कुमार ने कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए स्वभाविक है कि अधिक फीस देनी होगी अन्यथा फिर सरकारी स्कूलों में ही जाना पड़ेगा।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि सरकार ने यह बिल लागू किया तो प्रदेश भर में सैकड़ों निजी स्कूल बंद होंगे और 3 लाख के करीब अध्यापक सड़कों पर होंगे। लगभग 6 लाख बच्चों को सरकारी स्कूलों मे बैठने की जगह नही होगी। निजी स्कूल संचालकों ने सरकार से आग्रह किया कि निजी स्कूलों को प्रोसाहित करे और हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का केंद्र बनाकर रोजगार को बढ़ावा दें ताकि नौजवानों को नौकरी के लिए न भागना पड़े और हिमाचल शिक्षा में नया कीर्तिमान स्थापित करे। इस अवसर पर जिला भर से निजी स्कूल संचालक मौजूद थे।