हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला:
प्रदेश के जिन स्कूलों का खराब परीक्षा परिणाम आएगा, उन स्कूलों के शिक्षकों की वेतनवृद्धि रोक दी जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से इस बारे में जिला उपनिदेशकों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग का मानना है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए इस तरह की कार्रवाई करना जरूरी है। ऐसे में अब सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अच्छे रिजल्ट के लिए मेहनत करनी होगी, नहीं तो शिक्षकों को वेतन बढ़ोतरी से हाथ धोना पड़ सकता है। अगर इसके बाद भी स्कूलों में परीक्षा परिणाम में कोई सुधार नहीं आता है तो शिक्षा विभाग की ओर से हर वर्ष पुनरावृति की जा सकती है।
इस स्थिति में संबंधित अध्यापक की एक वेतनवृद्धि सरकार के निर्देशानुसार रोकी जानी अपेक्षित है। शिक्षा विभाग ने अधिसूचना में साफ कहा है कि इसके लिए संबंधित स्कूलों के अध्यापक ही जिम्मेदार होंगे। शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि खराब परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों में इस तरह के दिशा-निर्देश जारी करना जरूरी है ताकि सरकारी स्कूलों में परीक्षा परिणाम में सुधार किया जा सके। शिक्षा विभाग ने आदेश दिए हैं कि सभी शिक्षक अपने कार्य के प्रति निष्ठावान रहें, ताकि छात्रों को एक सही दिशा मिल सके।
अभिभावक बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजें
उच्च शिक्षा विभाग ने जनता से भी आग्रह किया है कि बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने की बजाय सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं। पिछले वर्ष शिक्षा विभाग की ओर से कुल्लू और मंडी जिले के कुछ स्कूलों में खराब रिजल्ट आने पर स्कूल कैडर प्रवक्ताओं की एक वेतन वृद्धि रोकी गई थी। इनमें कुल्लू जिला में 7 और मंडी जिला में 20 प्रवक्ताओं की एक वेतन वृद्धि रोकी गई थी।