जल जीवन मिशन : सरकार ने अगले 3 साल की प्रशासनिक एवं व्यय मंजूरी एक साथ दी, 120 करोड़ मिले दिल्ली सेे, पर जितना काम होगा, उतने पैसे देगा केंद्र
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : भारत सरकार के जल जीवन मिशन से ज्यादा पैसा लेने के लिए आईपीएच विभाग ने नया प्रयोग किया है। आईपीएच ने अगले तीन साल के लिए 2400 करोड़ की स्कीमें की मंजूरी एक साथ दे दी है। ये एएंडईएस यानी प्रशासनिक एवं व्यय मंजूरी है। यानी इसके बाद अब इन स्कीमों के लिए विभाग अब जरूरत के अनुसार टेंडर लगा सकता है।
बार-बार सरकार से पूछने की जरूरत नहीं होगी। केंद्र सरकार में जलशक्ति मंत्रालय इस बार नया बना है। इसके तहत अब हर घर को नल के जरिये जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया गया है। इस स्कीम की खासियत ये है कि ये मनरेगा की तरह डिमांड जनरेटिड है। यानी जितना काम करोगे, उतना पैसा भारत सरकार देगी। किसी राज्य के लिए कुल खर्चे की सीमा तय नहीं है। राज्य सरकार ने चूंकि इस मिशन में काफी काम एडवांस कर लिया था, इसलिए भारत सरकार ने पहली किस्त के तौर पर 120 करोड़ जारी भी कर दिए हैं।
इन स्कीमों पर विभाग ने काम शुरू कर दिया है। लेकिन चूंकि लक्ष्य ज्यादा पैसा लेने का है, इसलिए प्रशासनिक स्वीकृतियों में लगने वाले समय को बचाने के लिए अब प्रशासनिक मंजूरी एक साथ दे दी गई है। इससे अब विभागीय अफसर अब स्कीमों पर काम जल्दी कर पाएंगे। चारों चीफ इंजीनियरों को अपने अपने जोन में बनने वाली स्कीमों की डीपीआर पर लगा दिया गया है। विभाग में 2400 करोड़ की योजनाओं को एक साथ मंजूरी पहली बार मिली है।
रसोई तक नल को पहले नहीं थी कोई योजना
हर घर की रसोई तक नल पहुंचाने के लिए न तो भारत सरकार और न ही राज्य सरकार में कोई योजना पहले थी। नेशनल रूरल वाटर सप्लाई प्रोग्राम के तहत आंशिक तौर पर कवर बस्तियों के लिए पेयजल योजनाएं बनती थीं और इसमें भी केवल सार्वजनिक नलों का प्रावधान था। इधर हर घर के लिए नल की डिमांड जनमंच में सबसे ज्यादा आ रही थीं। अब राज्य सरकार जल जीवन मिशन से इस मांग को पूरा करेगी।