हिमाचल दस्तक। मंडी
डॉक्टरों को कोविड ड्यूटी के बाद क्वारंटीन न करने का सरकार का फैसला गलत है। आरडीए (रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने सरकार के इस निर्णय की निंदा कर आपत्ति जताई है।
आरडीए नेरचौक के अध्यक्ष डॉ. विशाल जम्वाल, महासचिव डॉ. रोशन ठाकुर का कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश भर के अस्पतालों में चिकित्सक अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। ऐसे में चिकित्सकों को कोविड ड्यूटी के बाद तय क्वारंटीन में न रखने का फैसला निंदनीय है।
उनका कहना है कि इस फैसले को डॉक्टरों पर थोपने से पहले सरकार इस बात की गांरटी भी दे कि कोविड वैक्सीन लगने के बाद कोई भी डॉक्टर कोरोना पॉजीटिव नहीं होंगे। यदि सरकार इस बात की गारंटी नहीं दे सकती तो डॉक्टरों को पूर्व की भांति कोरोना ड्यूटी के बाद क्वारंटीन में रहने की व्यवस्था करे।
आरडीए के पदाधिकारियों का कहना है कि इस बात की गांरटी नहीं है कि वैक्सीन के दो डोज लगने के बाद चिकित्सक कोरोना पॉजीटिव नहीं होंगे। इसके चलते उनके परिवार के लोगों की सुरक्षा भी खतरे में रहेगी क्योंकि उनमें से अधिकतर लोगों को अभी तक कोरोना का एक भी टीका नहीं लग पाया है। कोरोना के दो टीके लगने के बाद भी कई चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से कई चिकित्सकों को मध्यम लक्षण (मोडरेट सिम्टम) पाए गए हैं।
ऐसे में चिकित्सकों के मन में अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता है। डॉ. विशाल जम्वाल और डॉ. रोशन ठाकुर का कहना है कि कोरोना महामारी में चिकित्सक तनाव भरे माहौल में लोगों के इलाज में जुटे हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार को डॉक्टरों को क्वारंटीन न करने जैसे पैसले वापस लेने चाहिए ताकि सभी चिकित्सक अपनी ड्यूटी सही प्रकार से निभा सकें।