बुजुर्ग महिला के बयान दर्ज करवाए , एसीजेएम के समक्ष महिला बोली, देवता के नाम पर किया प्रताडि़त
सरकाघाट। लोगों की प्रताडऩा झेल चुकी 80 वर्षीय राजदेई ने 6 नवंबर के दिन घटित हुए पूरे प्रकरण की दास्तां न्यायाधीश को सुनाई। सरकाघाट के एसीजेएम के समक्ष पीडि़त महिला राजदेई पहुंची और बंद कमरे में जज को आपबीती सुनाई गई। पुलिस ने जज के समक्ष बुजुर्ग महिला के आईपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाए गए हैं।
महिला ने बताया कि कैसे देवता की पूजा करने का दंड उसे और उसकी बेटियों को दिया जाता रहा है। राजदेई को देवता से कोई शिकायत नहीं है और न ही कोई मलाल है। लेकिन दुख इतना है कि पूजा करने के नाम पर उसको वे लोग प्रताडि़त करते रहे, जिनके साथ कई साल से रह रही थी। इस दौरान जिक्र पुलिस तक पहुंचे मामले और शिकायत का भी हुआ।
लेकिन राजदेई ने अपने स्तर पर किसी को भी दोषी नहीं माना है। महिला ने जज से न्याय की गुहार लगाई है। इससे पहले पुलिस के पहरे में 80 वर्षीय राजदेई को सरकाघाट लाया गया। पुलिस ने वाहन सहित सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम किए थे। महिला के साथ उसकी बेटी सरकाघाट पहुंची। डीएसपी चंद्रपाल सिंह ने महिला के बयान जज के समक्ष दर्ज करवाने की पुष्टि की है।
बेटी और दामाद के भी होंगे बयान दर्ज :
प्रताडि़त महिला की बेटी जमना और उसके पति योगराज शर्मा के बयान भी सरकाघाट पुलिस दर्ज करेगी। ये दोनों भी 6 नवंबर को समाहल गांव में मौजूद थे और उनके साथ भी अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया था। डीएसपी चंद्रपाल सिंह ने बताया कि दोनों बेटियों और दामाद के भी बयान भी कलमबद्ध किए जाएंगे। यह प्रक्रिया 14 नवंबर को सरकाघाट थाने में पूरी होगी।
जांच कर रहे अधिकारी को हटाया डीएसपी सरकाघाट को सौंपा जिम्मा
सरकाघाट। महिला प्रताडऩा का मामला सामने आने के बाद अब पुलिस भी जांच की जद में आ गई है। मामले में 22 अक्तूबर के बाद हुई शिकायतों पर पुलिस ने क्यों एक्शन नहीं लिया इसकी जांच एएसपी पुनीत रघु करेंगे। महिला प्रताडऩा मामले में दर्ज एफआईआर पर जांच कर रहे अधिकारी को हटाकर इसका जिम्मा डीएसपी सरकाघाट चंद्रपाल सिंह को सौंपा गया है। दोनों एफआईआर की जांच अब सरकाघाट डीएसपी ही करेंगे।
मंडी डीएसपी पुनीत रघु पुलिस के स्तर पर लापरवाही किए जाने के आरोपों की जांच करेंगे। यह भी पता लगाने का प्रयास करेंगे कि 23 अक्तूबर को जब पहली बार शिकायत की गई थी तो उसकी मूल प्रति कहां है और शिकायतकर्ता ने ही क्यों अपनी शिकायत वापस ली है? इसके अलावा 6 नवंबर को हुई शिकायत के बाद दो-दो पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचने के बाद भी क्यों कोई कार्रवाई नहीं कर पाए थे।
8 नवंबर को सरकाघाट थाना प्रभारी भी महिला कांस्टेबल सहित पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने क्या कानूनी कार्रवाई की है? अब इसकी भी जांच होनी है। बड़ा सवाल यह है कि पुलिस के सामने ही शिकायतकर्ता अपनी शिकायत वापस क्यों लेते रहे? एएसपी पुनीत रघु ने पुलिस की लापरवाही को जांचने के लिए सरकाघाट का रुख कर लिया है।
सरकाघाट में मशाल के साथ मौन प्रदर्शन
सरकाघाट। सरकाघाट में बुजुर्ग महिला की प्रताडऩा से आहत नारी शक्ति सड़कों पर उतर आई और मौन प्रदर्शन किया। महिला एसोसिएशन फॉर सेविंग्ज, हेल्थ, अवेयरनेस एंड ‘लिट्रेसी’ ने मशाल समाहल गांव की जघन्य अपराधिक घटना की निंदा करते हुए सरकाघाट में जुलूस निकाला और मौन प्रदर्शन किया।
महिलाएं हाथों में बैनर लेकर समाज को संदेश दिया, जिसमें ‘मां मां होती है डायन नहीं’ का नारा बुलंद किया गया। मसाल संस्था की अध्यक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि हम 21वीं सदी में जी रहे हंै। आज भी महिलाओं के प्रति समाज के नजरिए और मानसिकता में बदलाव नहीं हुआ है।
एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
संस्था ने सरकार व प्रशासन से नशाखोरी व अंधविश्वास के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। संस्था ने मांग की कि गुनाहगार बचे नहीं और बेगुनाह परेशान न हों। इस अवसर पर नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्षा निशा चौहान, उपाध्यक्ष सरोज ठाकुर, पूर्व उपाध्यक्ष ललिता शर्मा सहित करीब एक दर्जन महिला मंडलों ने भाग लिया।