राजीव भनोट/कौशल। ऊना : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा अयोजित ओर श्री राम लीला मंदिर कमेटी एवं समस्त प्रभु भक्तों के सहयोग से पांच दिवसीय श्री राम कथामृत का आयोजन श्री हनुमान मंदिर राम नगर ठठल में हो रहा है।
कथा के प्रथम दिवस में सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री रूपेश्वरी भारती जी ने कहा कि राम का चरित्र विश्व संस्कृति में एक उज्वल एवम सर्वत्र परिव्यपत वर्णातीत सत तत्व है भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में राम कथा का वशिष्ट स्थान है राम जी के बिना भारतीयता का अस्तित्व एवं उसकी पहचान भी संभव नही है उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का आधार प्रभु श्री राम है लेकिन उन्हें हम अपनी बुद्धि के द्वारा कभी समझ ही नही सकते।
शास्त्र कहते है राम अतर्क्य बुद्धि मन वाणी बुद्धि की एक सीमा होती है और सीमित बुद्धि से असीम को पाया नही जा सकता उन्होंने कहा कि यहाँ बुद्धि की सीमा समाप्त होती है वहीं से तो ज्ञान का आरम्भ होता है उन्होंने माता सती के प्रसंग के माध्यम से समझया की सती बुद्धि से इंद्रियों से राम जी की लीला उनके रहस्यों को समझना चाहती थी पर नाकमजब हुई ठीक इसी प्रकार मन बुद्धि से हम आध्यत्म को समझ नही सकते क्योंकि आध्यत्म का अर्थ होता है आत्मा का अध्यन आत्मानुभूति।
जो केवल एक गुरु की कृपा से ही हम कर सकते है मात्र एक पूर्ण गुरु ही हमें सन्सयों के भंडार से निकल कर आध्यत्म की डगर पर ले चलते है।कथा का समापन प्रभु की पावन आरती से हुई इस अवसर पर विशेष रूप में श्री राम लीला मन्दिर कमेटी के सभी सदस्य,जिला सैक्टरी बीजेपी रजनी मनकोटिया,विनोद मनकोटिया,अश्वनी शर्मा,प्रधान रंजना देवी और भारी मात्रा में श्रद्धालुगण मौजूद थे।