राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल करना है रंजू का लक्ष्य
हिमाचल दस्तक,साहो : इंसान के अंदर अगर कुछ करने की लग्न पैदा हो जाए तो उसे दुनिया की कोई भी ताकत रोक नहीं सकती। यह सच साबित करके दिखाया हैं चंबा की बेटी रंजू ने। जिला की ग्राम पंचायत पल्यूर के छोटे से गांव गणजी की बेटी रंजू ने इस कहावत को सच करके दिखाया है। रंजू अभी पीजी कॉलेज चंबा में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है।
राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला में 45वीं इंटर कॉलेज़ एथलेटिक्स मीट महिला व पुरुष वर्ग की प्रतियोगिताएं करवाई गई, जिसमें लंबी कूद में चंबा की रंजू ने प्रदेश भर में पहला स्थान प्राप्त कर चंबा का नाम रोशन किया है। दसवीं कक्षा की परीक्षा रंजू ने राजकीय उच्च पाठशाला पल्यूर और बाहरवीं की परिक्षा राजकीय वरिष्ठ कन्या विद्यालय चंबा से उतीर्ण की है।
साधारण और गरीब परिवार से सबंध रखने वाली रंजू को शुरु से ही पढ़ाई का बहुत शौक था और हर कक्षा में अव्वल स्थान हासिल किया। पढ़ाई के आलावा खेल के क्षेत्र में भी इसकी काफी रूचि है।रंजू का कहना है कि उडऩपरी सीमा ने जब एशियन यूथ चैंपियनशिप 2017 में जब कांस्य पदक जीता था उसी समय मैंने यह सपना देखा कि मुझे भी एक दिन सीमा के साथ प्रतियोगिता में भाग लेना है। बस इसी बात को दिल में लिए स्कूल के ब्लॉक कंपीटीशन में लंबी कूद में पहला स्थान हासिल किया।
उसके बाद जिला स्तरीय और फिर प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में भी रंजू ने पहला स्थान हासिल किया। उसके बाद 18 से 22 दिसंबर तक जो 63वीं राष्ट्रीय स्कूल स्तरीय प्रतियोगिता हरियाणा रोहतक में हुई उसमें रंजू को भाग लेने का मौका मिला। जिसमें उडऩपरी सीमा ने तीन गोल्ड मैडल हिमाचल के नाम किए। हालांकि इस प्रतियोगिता में रंजू क्वालिफाइड नहीं हो पाई परंतु फिर भी रंजू का कहना था कि हारने के दुख से ज्यादा मुझे इस बात की खुशी है कि जिस उडऩपरी सीमा को देखकर मुझे प्रेरणा मिली आज मुझे उससे मिलने और उसके साथ प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिला।
आपको बता दें कि रंजू का राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेना इसलिए भी बड़ी बात है, क्योंकि इसके घर एक ऐसी जगह है, जिसमें मैदान तो दूर की बात घर का ऐसा आंगन भी नहीं जिसमें वह अभ्यास कर सके। मेन रोड़ से उसके घर गणजी तक पहुंचने के लिए डेढ़-दो घण्टे पैदल चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है। फिलहाल प्रदेश स्तर की लंबी कूद की प्रतियोगिता में अव्वल स्थान हासिल करना और स्वर्ण पदक हासिल करने से रंजू बहुत खुश भी है। रंजू का अगला लक्ष्य है कि उसे राष्ट्रीय स्तर में स्वर्ण हासिल करना है।