एजेंसी। नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने ओडिशा के पुरी में कड़ी शर्तों के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन की अनुमति सोमवार को प्रदान कर दी। यह रथ यात्रा मंगलवार को शुरू होगी और इसमें जनता की भागीदारी नहीं होगी। शीर्ष अदालत ने ओडिशा सरकार के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए अपने १८ जून के आदेश में संशोधन किया। राज्य सरकार ने कहा था कि जनता की उपस्थिति के बगैर ही सीमित तरीके से रथ यात्रा का आयोजन किया जा सकता है। न्यायालय ने इससे पहले कोविड-१९ महामारी के मद्देनजर कहा था कि इस साल ऐतिहासिक रथ यात्रा के आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
प्रधान न्यायाधीश एस बोबडे, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने इस मामले में दायर कई आवेदनों पर सुनवाई के बाद अपने आदेश में ओडिशा सरकार को निर्देश दिया कि रथ यात्रा का जुलूस निकाले जाने के दौरान पुरी शहर में कर्फ्यू लगाया जाए और शहर में प्रवेश के सभी रास्ते बंद किए जाएं। प्रधान न्यायाधीश ने नागपुर में अपने आवास से वीडियो कॉन्फं्रेस के माध्यम से सुनवाई के दौरान पीठ की अध्यक्षता की।
पीठ ने कहा कि प्रत्येक रथ को ५०० से ज्यादा लोग नहीं खींचेंगे और ऐसा करने वाले प्रत्एक व्यक्ति की कोविड-१९ संक्रमण की जांच होगी तथा उसका पूरा मेडिकल विवरण सुरक्षित रखा जाएगा। यही नहीं, रथ खींचने में शामिल व्यक्ति रथ खींचने से पहले, इस दौरान और बाद में भी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करेंगे।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, निश्चित ही, यदि यह सुनिश्चित करना संभव हो कि इसमें जनता की उपस्थिति नहीं होगी, तो हमें ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती कि मंदिर से मंदिर तक के सामान्य मार्ग पर सुरक्षित तरीके से रथ यात्रा का आयोजन क्यों नहीं किया जा सकता। इससे पहले, कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने १८ जून को अपने आदेश में इस ऐतिहासिक रथ यात्रा का आयोजन करने की अनुमति नहीं दी थी। साथ ही न्यायालय ने टिप्पणी की थी, अगर हम इसकी अनुमति देंगे तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।
शीर्ष अदालत ने ओडिशा स्थित एक गैर सरकारी संगठन ओडिशा विकास परिषद की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। पीठ ने अपने आदेश में कहा था, रथ यात्रा के लिए इतनी बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं के एकत्र होने से उत्पन्न खतरे को देखते हुए हम सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हितों के मद्देनजर प्रतिवादियों को इस वर्ष रथ यात्रा का आयोजन करने से रोकना उचित समझते हैं।