वरिष्ठ संवाददाता, शिमला
हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान रिकॉर्ड तोड़ नुकसान हुआ है। राज्य में मानसून में 2003.07 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जो बीते सालों में मानसून सीजन के दौरान रिकॉर्ड तोड़ नुकसान आंका जा रहा है। इससे पहले साल 2018 में 1578.08 करोड़ के नुकसान हुआ था।
मानसून सीजन के दौरान अभी तक सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिला में रिकॉर्ड किया जा रहा है। मंडी में अभी तक 745.00 लाख का नुकसान हो चुका है। इसके अलावा चम्बा में 608.18 लाख का नुकसान हो चुका है। बिलासपुर में 165.93, हमीरपुर में 98.89, कांगडा में 429.05, किन्नौर में 168.66, कुल्लू में 485.12, लाहौल स्पीति में 36.80, शिमला में 486.20, सिरमौर में 172.65, सोलन में 92.78 और ऊना में 164.10 लाख के नुकसान का आंकलन लगाया गया है।
राज्य आपदा प्रबधन प्राधिकरण में से प्राप्त जानकारी के तहत मानसून सीजन के दौरान अभी तक राज्य में 348 लोग विभिन्न आपदाओं में जान गवा चुकें है। राज्य में अभी भी 9 लोग लापता चल रहे है। मानसून में सबसे ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हुई है। सड़क हादसों में 178 लोगों ने जाने गवाई है। राज्य में डूबने से 34, लैड स्लाईड की चपेट में आने से 19, बादल फटने की घटना से 10, सांप के काटने से 24 और पहाड़ों व पेड़ से गिरने के चलते 45 लोगों की मौतें हुई है।
लैंडस्लाईड व भूस्खलन होने के चलते राज्य में 35 पक्कें मकान पूरी तरह से क्षति ग्रस्त हुए है। पक्कें मकानों के साथ 141 कच्चें मकान भी जमीदोंज हुए है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में 104 पक्कें मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। जबकि 752 कच्चें मकानों को भी आंशिक नुकसान पहुंचने की सूचना है। बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग व आईपीएच विभाग को पहुंचा है।