- 1008 कन्याओं के सामूहिक पूजन अब बना अंतराष्ट्रीय रिकॉर्ड
- डीसी की कवायद लिम्का बुक ने सराहा, सेरी पर हुआ था 1008 कन्याओं का सामूहिक पूजन
- डीसी ने दी बधाई, प्रदेश व जिला के लिए गर्व व सम्मान की बात
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। मंडी : अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान बीते 9 मार्च को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ थीम को लेकर सेरी मंच पपर आयोजित हुए 1008 कन्याओं के सामूहिक पूजन का रिकॉर्ड अब लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है। इसी के साथ यह सामूहिक पूजन अंतराष्ट्रीय स्तर पर रिकॉर्ड में आ गया है।
इसकी आधिकारिक सूचना लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड ने ई-मेल के द्वारा जिला प्रशासन को भेजी है। इस सम्मान से मंडी जिला अब अंतराष्ट्रीय स्तर पर गौरवाविंत हो गया है। डीसी ऋ ग्वेद ठाकुर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को जन सहयोग से जन आंदोलन बनाने से ही सफ लता मिली है। लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्र्स-2020 में मंडी का नाम आना जिलावासियों समेत पूरे प्रदेश के लिए गर्व और सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा कि इस बार अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के दौरान पहली बार सेरी मंच पर 1008 कन्याओं का सामूहिक पूजन का कार्यक्रम कर पुरातन संस्कृति को बेटियों की सुरक्षा से जोडऩे की कवायद की गई। इसमें जनसहयोग से 4 से 10 वर्ष आयु तक की बच्चियों के पूजन के जरिए अपनी समृद्ध परंपराओं से संदेश ग्रहण कर बेटियों के महत्व को लेकर जन जागृति लाने और बेटा-बेटी में भेद की नकारात्मक मानसिकता में बदलाव लाने के प्रयास किए गए।
बेटियों को बेटों के समान अहमियत देने को किया था कार्यक्रम
जिला में बेटियों की घटती संख्या को लेेकर चिंतित प्रशासन ने बेटियों को बेटों के समान अहमियत देने के लिए उक्त सामूहिक कन्या पूजन को सेरी मंच पर आयोजित करवाया था। प्रशासन की इस पहल ने बड़े पैमाने पर लोगों का समर्थन और तारीफ बटोरी। इसके अलावा दशहरा उत्सव के मौके पर कन्या भ्रूण हत्या को रावण का प्रतीक मानकर इसका दहन करके बेटा-बेटी में भेद की दरिद्र सोच को समाप्त करने का प्रभावी संदेश जन-जन तक पहुंचाने के प्रयास किए गए। गौरतलब है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में इस बर्ष दो बार मंडी जिला को सम्मानित किया जा चुका है।
बेटी के जन्म पर उपहार देना अहम
जिला मंडी में प्रशासन द्वारा बेटी के जन्म पर उसके माता पिता के घर जाकर बेटी को उपहार देना सबसे लोकप्रिय कार्य रहा। जिससे लोगों में बेटी के प्रति और संवेदनाएं जगी और उन्हें मां-बाप भी बेटे की तरह देखने लगे। यह कार्य पिछले कई दिनों से मंडी जिला में चल रहा है। जिसे हर अधिकारी आगे बढ़ा रहा है। डीसी मंडी ने कहा कि जिला में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करने के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए स्त्री अभियान के माध्यम से महिला मंडलों, पंचायती राज संस्थानों व अन्य सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लेकर पंचायतों-गांवों में अभियान छेड़ा गया है।