सोलन :
मानव भारती विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री प्रकरण में एसआईटी की टीम ने विवि की रजिस्ट्रार अनुपमा ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस प्रकरण में एसआईटी द्वारा की गई यह तीसरी गिरफ्तारी है। जल्द ही विवि के कई आला अधिकारी भी सलाखों के पीछे जा सकते हैं। जानकारी के अनुसार फर्जी डिग्री प्रकरण में मानव भारती विवि पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। एक के बाद एक विवि के अधिकारी सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं।
विवि में फर्जी डिग्रियां बेचने का धंधा बड़े पैमाने पर किया जा रहा था। यही वजह है कि एसआईटी को जांच में अधिक समय लग रहा है। अभी तक यही पता नहीं चल पाया है कि विवि द्वारा बीते तीन वर्षों में कितनी फर्जी डिग्रियां बेची गई हैं और किस-किस से पैसे लिए गए हैं। जांच में प्रतिदिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। फर्जी डिग्री के तार राजस्थान की एक और विवि से भी जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। इस विवि के प्रशासनिक ब्लॉक को भी एसआईटी ने सील कर दिया है तथा कई महत्वपूर्ण दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।
जांच टीम ने विवि के सहायक रजिस्ट्रार और डाटा एंटी ऑपरेटर को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इन दोनों को स्थानीय कोर्ट से 16 मार्च तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। शुक्रवार को टीम ने मानव भारती विवि कैंपस से रजिस्ट्रार अनुपमा ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने स्थानीय कोर्ट में पहले ही जमानत याचिका लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जमानत याचिका खारिज होने के बाद एसआईटी ने अनुपमा ठाकुर को गिरफ्तार किया है।