राजीव भनोट। ऊना
सूफी गायकी के सरताज, जाने-माने पंजाबी गायक और दिल्ली के सांसद हंसराज हंस ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व जाने-माने साहित्यकार पृथीपाल सिंह द्वारा लिखे गीतों की कैसेट मेरी शामें को दिल्ली से रिलीज किया और इसका एक कार्यक्रम ऊना में भी आयोजित किया गया। इसमेंं इस कैसेट के निर्माता-निर्देशक व गायक राजीव चंबा सहित कैसेट के वीडियो फिल्मांकन की टीम भी उपस्थित थी।
हंस राज हंस से नेटवर्क टूटा भी, पर उन्होंने विशेष रूप से अपना संदेश दिया। हंसराज हंस ने संवेदनाओं से भरपूर गीत लिखने के लिए पृथीपाल सिंह को विशेष रूप से बधाई दी जो इन दिनों चंबा के भरवाल उपमंडल में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और इससे पहले वह ऊना में भी बतौर एसडीएम अपनी सराहनीय सेवाएं दे चुके हैं। हंसराज हंस ने इस अवसर पर कहा कि संगीत आत्मा की खुराक है और संगीत हमारी धड़कनों में नई ऊर्जा भरता है। यह संगीत ही है जो हमें तनाव से दूर ले जाता है। उन्होंने कहा कि संगीत और गीत का बहुत पुराना नाता है।
गीतकार गीतों में अपनी संवेदनाओं को प्रकट करते हैं, समाज को कोई नया पैगाम देते हैं। गायक उस गीत को अपनी आवाज में ढालते हैं और संगीतकार उस गीत की पंक्तियों की गहराई और आवाज के तरन्नुम को जीवंत कर देते हैं। हंसराज हंस ने गीतकार पृथीपाल सिंह के लिखे गीत की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा कि वह एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ-साथ संवेदनाओं से भरे कवि, गीतकार, उपन्यासकार व कहानीकार भी हैं और प्रदेश के लेखकों और गायकों को सदैव प्रोत्साहित करते आए हैं। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश ने वैसे भी देश को कई लोक गायक दिए हैं और हिमाचल पर भी कई लोकगीत लिखे गए हैं।
चंबा पर तो कई गीत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुए हैं। उन्होंने इस बात की खुशी जताई कि उसी चंबा जनपद का एक नौजवान गायक हिमाचल में गायकी और संगीत की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए निकला है। उन्होंने इस कैसेट की प्रस्तुति के लिए कोशिका बकारिया व अंशुल जरियाल तथा नए शुरू हुए यू-ट्यूब चैनल रि-एग्जोतिका को भी साधुवाद दिया।
कविता संग्रहण के बाद आ रहा उपन्यास
यहां यह गौरतलब है कि मानवीय संवेदनाओं को अपनी कृतियों में उतारने वाले लेखक व राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पृथीपाल सिंह द्वारा लिखे गए इन तरानों और गीतों में प्रेम की सघन अनुभूतियां भी हैं और पहाड़ का नैसर्गिक परिवेश भी।
ऊना में उपमंडल अधिकारी नागरिक रह चुके पृथीपाल सिंह इन दिनों चंबा जिला के भरमौर में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और किंडले पर प्रकाशित उनका कविता संग्रह इन दिनों अमेजॉन पर भी धूम मचा रहा है। उनका पहाड़ की ग्रामीण पृष्ठभूमि पर लिखा एक आंचलिक उपन्यास पर शीघ्र ही पाठकों के बीच आने वाला है, जिसकी भूमिका प्रदेश के जाने-माने कथाकार व उपन्यासकार डॉ. सुशील कुमार फुल्ल ने लिखी है।