- अंतर जिला ट्रांसफर पॉलिसी में जुड़ेगा पिछला सेवाकाल
- विवादों में रही पॉलिसी क्लैरिफिकेशन के साथ फिर जारी
- पहले दूसरे जिले में फ्रेश अप्वॉइंटमेंट का था प्रावधान, फिलहाल वरिष्ठता में नहीं मिलेगा लाभ
प्रतिमा चौहान : शिमला
अनुबंध कर्मचारियों को तबादलों पर राहत मिली है। अब दूसरे जिले में ट्रांसफर के बाद रेगुलराइजेशन में कोई बाधा नहीं आएगी। सरकार ने इंटरडिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी को नए सिरे से लागू किया है। इसकी अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी है।
अब अंतर जिला तबादले में पिछले जिले का कार्यकाल नियमितिकरण के लिए जोड़ा जाएगा। हालांकि रेगुलर होने के बाद सीनियोरिटी खत्म हो जाएगी। सरकार के इस फैसले से जहां अनुबंध कर्मचारियों को राहत मिलेगी। वहीं सीएंडवी, जेबीटी शिक्षकों के रेगुलराइजेशन की बाधाएं भी आसान हो गई हैं। इंटरडिस्ट्रिक्ट टीचर ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर लंबी माथापच्ची के बाद अब नए सिरे से क्लैरिफिकेशन के साथ पॉलिसी जारी की गई है।
नए प्रावधान में अब दूसरे जिलों में ट्रांसफर होने वाले सीएंडवी अध्यापकों को रेगुलराइजेशन के लिए पिछले जिला के कार्यकाल का लाभ मिल जाएगा। यानी उन्हें दूसरे जिले में ट्रांसफर होने के बावजूद पिछले जिले का कार्यकाल भी जुड़ जाएगा। हाल ही में नोटिफाई की गई पॉलिसी में इसे फ्रेश ज्वॉइनिंग माना गया था। लिहाजा इस पॉलिसी में अब अनुबंध कर्मचारियों को तबादले पर भी नियमित होने में कोई अड़चन नहीं होगी। हालांकि कर्मचारियों की सीनियोरिटी दूसरे जिले में सबसे नीचे आ जाएगी। सीएम से मंजूरी के बाद इसकी फाइल एसीएस पर्सनल प्रबोध सक्सेना के पास थी।
एसीएस से फाइल आने के बाद कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। गौर हो कि इंटरडिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी के नियमों का सबसे ज्यादा नुकसान अभी तक शिक्षकों को हो रहा था। कई जिलों के शिक्षकों को तीन साल से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन अभी तक उनके रेगुलाइजेशन के ऑर्डर नहीं हुए हैं। इंटरडिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी के नियमों को लेकर शिक्षकों ने विरोध किया था। अभी भी शिक्षकों ने सरकार से इस पॉलिसी में बदलाव की मांग की है ताकि शिक्षक वर्ग को राहत मिल सके।
अपने ही नियमों में उलझी थी सरकार
बता दें कि सरकार इंटरडिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी के नियमों में खुद ही उलझ गई थी। पहले शिक्षा विभाग ने पिछले साल खुद सीएंडवी तबादले के नियमों को बदला। इसके बाद पॉलिसी के संशोधित नियमों को जारी किया। अब तीसरा मौका है जब इंटरडिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी के नियमों फिर नए सिरे से बदला जा रहा है।