सोमी प्रकाश भुव्वेटा। चंबा
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,… भले ही लिखने वाले ने गीत के हिसाब से इसके अलफाज लिखे हों लेकिन, चंबा जिले के चुराह निवासी एक खान भाई ने इस गीत की इन लाइनों का मान बढ़ाने का काम किया है। अपनों के दुतकारने के बाद टांग कटने पर दर दर की ठोंकरे खाने को मजबूर हिंदू भाई की एक मुस्लिम भाई ने ही आगे आकर उसकी हिफाजत का जिम्मा लिया है। रमजान के पाक महीने में चंबा के इस खान भाई ने ऐसा करके समाज के हर तबके का दिल जीतने का काम किया है।
यहां जिक्र देसराज निवाली खगुडा (नकरोड) और उसकी देखरेख कर रहे फरदीन निवासी थाकीयूं (गडफरी) का हो रहा है। कहते हैं चुराह के खगुडा निवासी देसराज के पिता मूल रूप से नेपाली थे और अब चल बसे हैं। देसराज जब छोटे थे उसी दौरान उसकी जामीन जायदाद उनके रिश्तेदारों ने अपने नाम करवा ली थी। देशराज जबसे थोड़े बड़े हुए हैं उसके बाद से उन्हें अपने ही सहारे पर रिश्तेदारों ने छोड़ रखा है।
देसराज ने भी कभी अपनी जमीन जायदाद की परवाह नहीं की और मेहनत मजदूरी करके अपने पेट पालता रहा। घर न होने के कारण जहां काम करता वहां पर उनके घर पर ही रहता था। इसी बीच अपने गंतव्य की ओर जाते वक्त एक दिन देसराज पहाड़ी से गिरकर ऐसे हादसे का शिकार बनता है कि उसे फिर होश बिस्तर पर ही आता है। ऐसे हालात में इस व्यक्ति के इलाज को जब कोई भी आगे नहीं आया तो फरदीन निवासी गडफरी अपने समाज के सहयोग से उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए।
मेहनत मजदूरी करके यहां वहां रहकर जीवनयापन करने वाले देशराज के ऊपर उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उसकी एक टांग काट दी गई। असहाय और लाचार देशराज के इस हालात पर उसके रिश्तेदारों को तो तरस नहीं आया लेकिन, फरदीन उसके लिए फरिश्ता बने और आज भी उसकी अपने परिवार के सदस्य की भांति अस्पताल में सेवा कर रहे हैं। शनिवार को मेडिकल कालेज चंबा के अस्पताल में भर्ती हिंदू भाई देशराज और खान भाई फरदीन के कनेक्शन को देखकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर भी अचरज में पड़ गए।
इन दोनों की बाउडिंग उन्हें इतनी अच्छी लगी है कि हिमाचल दस्तक के माध्यम से इस पूरे मामले को हाईलाइट करने की गुजारिश की है ताकि लोग महजब के नाम पर एक दूसरे को कोसना बंद करें और भाईचारें के संदेश पर अमल करें।
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उधर, शनिवार को स्वास्थ्य विभाग चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने इस मामले को विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज के समक्ष भी उठाया है। विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने देसराज की हरसंभव सहयोग का आश्वसान देते हुए थोड़ी बहुत मौके पर ही आर्थिक मदद कर दी है तो वहीं मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को देशराज का जल्द से जल्द मेडिकल बनाने के भी निर्देश दिए हैंं।