महेश। धमांधरी (ऊना)
ऊना ज़िला के गांव सनझोट के निवासी मास्टर रतन चंद ने ऊना के इस गर्म रहने वाले मौसम में सेब का पेड़ उगाकर एक उदाहरण पेश किया है। हालांकि जिला में कई बागवान व किसान हैं, जिन्होंने ऊना में सेब उगा दिए हैं।
इन्ही में से एक हैं मास्टर रतन चंद, जो दिसंबर 2010 में रिटायर हुए थे। मास्टर रतन चंद को शुरू से ही बागवानी का शौक था, लेकिन रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने अपना ज्यादा से ज्यादा समय पेड़-पौधे उगाने और उनकी सेवा में लगाया।
हाल ही में उन्होंने एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने ऊना में ज्यादातर गर्म रहने वाले मौसम में सेब का पेड़ उगाया है। उन्होंने बताया कि यह सेब का पेड़ उन्होंने 2017 में लगाया था और 2020 में इसको पहली बार फल लगे थे।
पहली बारी में लगे फल गिनती में केवल 4 से 5 ही थे, लेकिन इस साल 2021 में सारे का सारा पेड़ फलों से भरा हुआ है। उन्होंने बताया कि इसे सेब के पेड़ की पैदावार, कीड़े-मकौड़े के लिए किसी भी प्रकार की दवाई अथवा स्प्रे का इस्तेमाल नहीं करते, केवल देसी मैल, पानी का इस्तेमाल ही करते हैं और इसी से ही इन्होंने इस पेड़ को कामयाब किया है।
मास्टर रतन चंद बताया कि जब यह सेब के फल पक जाते हैं तो यह बाजार में बिकने वाले अन्य फलों की तरह ही दिखते हैं और स्वाद में भी बेहद मीठे हैं। मास्टर रतन चंद ने और भी कई तरह के पेड़ अपने खेतों में लगाए हुए हैं। इसमें आम का पेड़, फूलों के पौधे, पपीता, टमाटर इत्यादि शामिल हैं।