– शिक्षा विभाग की आरटीई में हुआ खुलासा, 5 सालों डीपीई प्रमोशन नहीं
– सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षा की खुली पोल
– 180 शिक्षक देख रहे पदोन्नति की राह
वरिष्ठ संवाददाता, शिमला प्रतिमा
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा के दावों की एक बार फिर पोल खुली है। आरटीआई से ली गई सूचना के अनुसार प्रदेश के 375 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में डीपीई के पदद स्वीकृत नहीं है। वहीं 90 के लगभग विद्यालयों में डीपीई के रिक्त पद चले हुए है। इतने बड़े पैमाने में पद खाली होने के कारण शारीरिक अध्यापकों के पदोन्नति के मार्ग भी बंद हो गए है।
इसके साथ में स्कूलों में शारीरिक विषय पढऩे वाले बच्चों को भी शारीरिक विषय पढऩे से वंचित होना पड़ रहा है। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने इन पदों को भरने के लिये मौन धारण कर रखा है। कोरोना काल के दो साल के बाद स्कूलों में खेल कूद प्रतियोगिताएं चली हुई है ये भी मात्र ओपचारिकता मात्र बन रहा है।
शिक्षकों का आरोप है कि सभी विषयों के अध्यापकों की पदोन्नति सूची विभाग हर साल जारी करता है, लेकिन बात पीटीआई से डीपीई की पदोन्नति की हो तो उसके लिए सरकार का उदासीन रवैया रहता है। जिसके लिए विभाग 3 से 4 वर्ष का समय लेता है , जोकि शारीरिक अध्यापक वर्ग से अन्याय है। पीटीआई शिक्षकों का आरोप है कि बार बार शारीरिक शिक्षक अपनी बात सरकार व विभाग को पहुंचाते रहे है।
लेकिन विभाग हर बार पद स्वीकृत नही होने कारण बता देता है। शिक्षकों का आरोप है कि पिछले पांच वर्षों में विभाग ने वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में एक भी पद डीपीई का स्वीकृत नहीं किया है। जिसका खामियाजा शारीरिक शिक्षको को भुगतना पड़ रहा है 180 के लगभग शारीरिक शिक्षक पिछले दो वर्षों से अपनी पदोन्नति की राह देख रहे है, लेकिन पद स्वीकृत नहीं होने की वजह से पदोन्नत नही हो पा रहे है