नई दिल्ली: पूर्व भारतीय खिलाड़ी और अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की चयन समिति के अध्यक्ष रोहित राजपाल को सोमवार को पाकिस्तान के खिलाफ उसकी सरजमीं पर होने वाले आगामी डेविस कप मुकाबले के लिए भारत का गैर खिलाड़ी कप्तान बनाया गया जिसे महेश भूपति के युग के खत्म होने के तौर पर देखा जा रहा है।
इस तरह की अटकलें थी कि अनुभवी लिएंडर पेस को इस पद के लिए चुना जा सकता है क्योंकि शीर्ष खिलाडय़िों और कप्तान महेश भूपति के हटने के बाद 46 साल के इस खिलाड़ी ने खुद को उपलब्ध रखा था। भारत की सुरक्षा संबंधी चिंता जताने के बाद इस्लामाबाद में 29 और 30 नवंबर को होने वाले इस मुकाबले को पहले ही एक बार स्थगित किया जा चुका है। एआईटीए ने चंडीगढ़ में अपनी वार्षिक आम बैठक में राजपाल को नियुक्त करने का फैसला किया।
एआईटीए के एक सूत्र ने बताया, पूर्व अध्यक्ष अनिल खन्ना और मौजूदा अध्यक्ष प्रवीण महाजन ने रोहित राजपाल के नाम का प्रस्ताव रखा और सभी इस पर सहमत हो गए। राजपाल गैर खिलाड़ी कप्तान के रूप में पाकिस्तान जाएंगे और फिलहाल यह इंतजाम सिर्फ इस मुकाबले के लिए किया गया है। सूत्र ने बताया कि भूपति का कार्यकाल दिसंबर 2018 में खत्म हो गया था लेकिन कोलकाता में हुए इटली के खिलाफ मुकाबले के लिए उनके कार्यकाल को बढ़ाया गया था। अब राष्ट्रीय टीम के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय टीम के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाने से मना कर दिया था।
भूपति ने दिसंबर 2016 में आनंद अमृतराज की जगह टीम के कप्तान बने थे। इस बैठक में शामिल रहे अधिकारी ने बताया, भूपति का पाकिस्तान जाने से इनकार करने से एआईटीए खुश नहीं हैं। मुझे नहीं लगता कि भविष्य में कप्तान के तौर पर उनके नाम पर विचार किया जाएगा। एआईटीए गैर-खिलाड़ी कप्तान की परंपरा को जारी रखना चाहता है, इसलिए जब पेस इस खेल को अलविदा कहेंगे तब निश्चित तौर पर कप्तान के लिए उनके नाम पर विचार किया जाएगा।
एआईटीए ने अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) से इस मुकाबले को तटस्थ स्थान पर स्थानांतरित करने का आग्रह किया था और विश्व टेनिस की संचालन संस्था सोमवार को इस संदर्भ में फैसला कर सकती है। इस मुकाबले का आयोजन पहले सितंबर में होना था लेकिन दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव के कारण भारत के अपने खिलाडय़िों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था। भारत के जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।
राजपाल ने 1990 में सियोल में कोरिया के खिलाफ डेविस कप में पदार्पण किया जहां भारत को 0-5 से व्हाइटवाश का सामना करना पड़ा था। राजपाल ने सिर्फ इसी मुकाबले में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें महज औपचारिकता के चौथे मैच में जेई सिक किम के खिलाफ।-6, 2-6 से हार का सामना करना पड़ा था। पिछले साल नवंबर में पांच सदस्ईय चयन पैनल के अध्यक्ष बनाए गए 48 साल के राजपाल को यह दूसरी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के सदस्य राजपाल दिल्ली लान टेनिस संघ के अध्यक्ष भी हैं। राजपाल ने पीटीआई से कहा, यह काफी बड़ी जिम्मेदारी है और इस अहम मुकाबले के लिए मुझे कप्तान बनाने के लिए मैं एआईटीए का शुक्रगुजार हूं। अब भारतीय दल की सुरक्षा की जिम्मेदारी आईटीएफ और पाकिस्तान सरकार की है। उन्होंने कहा, मैं उन सभी खिलाडय़िों से संपर्क करुंगा जिन्होंने खुद को इस मुकाबले के लिए उपलब्ध बताया है। पता चला है कि भूपति के पूर्ववर्ती पूर्व कप्तान आनंद अमृतराज भी पाकिस्तान के खिलाफ टीम की अगुआई करने के लिए वापसी के इच्छुक थे।
अमृतराज हालांकि आश्वासन चाहते थे कि अगर उनकी वापसी होती है तो यह कम से कम एक या दो साल के लिए हो।सूत्र ने बताया कि इस पद के लिए किसी और नाम पर विचार नहीं हुआ। जीशान अली कोच के तौर पर टीम के साथ इस मुकाबले के लिए जाऐंगे। जीशान ने भी राजपाल को कप्तान बनाने के फैसले का समर्थन किया।