संदीप शर्मा : कुल्लू
कुल्लू में एक कृषि विभाग के अधिकारी की लापरवाही से करीब 25 लाख रुपये का बजट लैप्स होने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए 40 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था। इस योजना के तहत जिला के किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए सामुदायिक टैंक व सिंचाई के लिए पाइपें मुहैया करवानी थीं। लेकिन कुल्लू कृषि विभाग के पूर्व भू-संरक्षण अधिकारी की लापरवाही के कारण करीब 25 लाख रुपये का बजट लैप्स हो चुका है। ऐसे में अब आगामी वर्ष में काम करने में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि कुल्लू जिला के विभिन्न उपमंडलों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत करीब 9 सामुदायिक टैंकों का निर्माण किया गया। इनमें से करीब तीन टैंकों के छह लाख रुपये के बिल बंजार उपमंडल के ही हंै। ठीक इसी तरह से अन्य उपमंडलों के सामुदायिक टैंकों के बिल सभी एडीओ ने 31 मार्च से 15 दिन पहले एसडीएससीओ कुल्लू के कार्यालय में जमा करवा दिए। बाकायदा सभी बिल डायरी डिस्पैच नंबर लगाकर एसडीएससीओ के टेबल पर करीब 15 दिन पहले पुट कर दिए गए, ताकि किसानों को सामुदायिक टैंकों का पैसा समय पर मिल सके। लेकिन पूर्व एसडीएससीओ प्रकाश कश्यप ने इन बिलों की पेमेंट समय पर नहीं की। इसका परिणाम यह हुआ कि 31 मार्च को विभाग के पास प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का करीब 25 लाख रुपये लैप्स हो गए।
अब आगामी वर्ष के लिए विभाग को जो बजट मिलेगा उससे इन लंबित बिलों का भुगतान करना पड़ेगा। इतना ही नहीं जिला के किसान कई बार कार्यालय के चक्कर काटते रहे लेकिन उनकेबिलों का भुगतान नहीं किया गया। बता दें कि जिस अधिकारी की लापरवाही के कारण यह बजट लैप्स हुआ है वह वहीं अधिकारी हैं जो सरकार की बिना अनुमति के पीएम से अवॉर्ड लेने दिल्ली पहुंच गए थे। इस पर कार्रवाई करते हुए कृषि विभाग के सचिव ने उन्हें निलंबित कर कृषि निदेशालय शिमला में नियुक्त किया है।
जांच कमिटी कर रही मामले की पड़ताल
किसानों की शिकायत पर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक जांच कमिटी भी बैठा दी है। इसके चलते अतिरिक्त निदेशक कृषि विभाग अब इस सारे मामले की जांच करने शनिवार को कुल्लू भी पहुंचे थे तथा अन्य अधिकारियों को सोमवार को समस्त रिकॉर्ड जमा करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इस मामले की जांच चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद भी आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-राकेश कंवर, सचिव कृषि विभाग।मैंने इस मामले की सरकार के समक्ष शिकायत की है। बजट होते हुए भी बिल पास नहीं करना कृषि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही है। इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
-महेश्वर सिंह, पूर्व सांसद।