राजीव भनोट। ऊना
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सुपुत्र विधायक विक्रमादित्य सिंह सोशल मीडिया पर अपनी राय बेबाकी से रखते आ रहे हैं। एक तरफ यहां वह हेलिकॉप्टर पर पोस्ट डाल कर भाजपा व सरकार के नुमाइंदों के आंखों के तारे बने, तो वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर डाली गई उनकी पोस्ट ने उन्हें सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया।
मामला सोशल मीडिया पर आगे बढ़े, इससे पहले ही विक्रमादित्य सिंह ने अपनी पोस्ट को डिलीट कर विवाद से भागने का काम किया। विक्रमादित्य सिंह ने अपनी पोस्ट पर लिखा था कि “कोरोना महामारी भयंकर है और ऐसे मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नजर नहीं आ रहा है” इतना लिखते ही लगातार प्रदेश भर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थन में कमेंट शुरू हो गए और आरएसएस प्रदेश में क्या कर रहा है कोरोना महामारी को लेकर इसको लेकर लोग कमेंट डालने लगे।
विक्रमादित्य सिंह की इस पोस्ट पर हालत पतली हो गई और उन्हें भागने का रास्ता अख्तियार करना पड़ा और अंततः उन्होंने पोस्ट को डिलीट कर ही इस विवाद से पल्ला झाड़ लिया। अब सवाल यह है कि विक्रमादित्य सिंह ने जब पोस्ट डाली तो उन्हें शायद यह अंदाजा नहीं था कि इस प्रकार से उन्हें लोग खरी-खोटी सुनाएंगे और जब हालत पतली हुई तो उन्हें पोस्ट डिलीट कर अपना बचाव करना पड़ेगा।
अब विक्रमादित्य सिंह की डिलीट हुई पोस्ट भी चर्चा का विषय बन गई है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर खूब तंज कसे जा रहे हैं। राजनेता कई बार ऐसी गलती कर लेते हैं जो उन्हें संभलने का मौका नहीं देती है ,ऐसे ही विक्रमादित्य सिंह जहां अन्य पोस्ट को लेकर चर्चा में रहते हैं लेकिन हाल ही में उनकी दो पोस्ट सबसे ज्यादा चर्चित हुई है, जिनमें एक प्रदेश सरकार के हेलिकॉप्टर के समर्थन में रही दूसरी आरएसएस को लेकर
एक पोस्ट पर वह कांग्रेस के ही खेमे के निशाने पर हैं, तो दूसरी पोस्ट में वह आरएसएस के समर्थकों के निशाने पर आ गए और अंततः उन्हें विवाद से ही हाथ खींचना पड़ा और पोस्ट डिलीट कर शायद यह स्वीकार कर गए कि आरएसएस काम कर रहा है।