नेक सिंह ठाकुर। साहो
समाज में अपना रुतबा दिखाने के लिए लोगों द्वारा छोटे-छोटे कार्यक्रमों में जहां भारी-भरकम खर्च कर दिया जाता है, वहीं चंबा में सादगी का माहौल देखने को मिलता है।
जिले के साहो में गुज्जर समुदाय के लोग आज भी अपनी पुरानी परंपरा, साधारण रीति अनुसार अपने बेटी और बेटों की शादी करवाते हैं। बताते चलें कि वैश्विक महामारी के दौर से गुजरने के बाद आजकल फिर से शादी-विवाह का दौर शुरू हो चुका है।
ऐसे में इस समुदाय में दूल्हे द्वारा पैदल ही चलकर अपनी दुल्हन को घर लाया जाता है। बारातियों द्वारा ‘मेरी शान अल्ला मेरी जान अल्ला’ गोजरी गीत गाकर दुल्हन को पिया के घर लाया जाता है और शाम को दूल्हे पक्ष द्वारा साधारण प्रीतिभोज में मिश्रित दालों व दही-रायता बना कर आए मेहमानों को खिलाया जाता है।