हिमाचल दस्तक। संगड़ाह
लोक निर्माण विभाग मंडल संगड़ाह के अंतर्गत नाबार्ड से निर्माणाधीन जंदरायण-सनग सड़क को अवैध ढारा बनाकर कर बंद किए जाने तथा एक माह बाद भी अतिक्रमण न हटाने की लिखित शिकायत ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजी।
शिकायत पत्र की प्रति प्रदेश उच्च न्यायालय, उपायुक्त सिरमौर व एसडीएम संगड़ाह आदि को भी जारी की गई है। सोमवार को पूर्व विधायक रूप सिंह तथा पंचायत प्रधान राजेंद्र शर्मा की मौजूदगी में उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संगड़ाह को भी इस शिकायत पत्र की प्रति सौंपी तथा ग्रामीणों के अनुसार सड़क बंद किए जाने के बाद आज पांचवीं बार वे अधिशासी अभियंता संगड़ाह के पास इस मामले को लेकर पहुंचे हैं।
इस सड़क से लाभान्वित होने वाले ग्रामीण एसडीएम संगड़ाह के पास भी उक्त मामले को लेकर शुक्रवार को पहुंचे थे, मगर कब्जा हटना शेष है। एक प्रभावशाली शख्स ने कच्चा मकान अथवा ढारा बनाकर 7 किलोमीटर लंबी उक्त सड़क को रोक दिया है।
24 अक्तूबर, 2021 को एसडीओ व एसएचओ के नैतृत्व में जेसीबी मशीन लेकर कब्जा हटाने गई विभाग की टीम तकनीकी कारणों से बिना अतिक्रमण हटाए उल्टे पांव लौट आई थी।
इस सड़क से लाभान्वित होने वाले सुरेश, चतर सिंह, भिंदर सिंह, जगत, गुलाब सिंह, प्रथवी सिंह, नेत्र सिंह व गुलाब सिंह आदि ग्रामीणों ने कहा कि इस बारे वे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत कर चुके हैं।
ग्रामीणों ने उक्त कब्जा न हटाने तथा वर्ष 2014 से लंबित 3 करोड़ 28 लाख की लागत इस सड़क के जल्द तैयार न होने की सूरत में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही।
गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग मंडल संगड़ाह में पिछले एक दशक से सड़क अथवा सरकारी भूमी से कोई भी अवैध कब्जा नहीं हटा है। इस बीच लोक निर्माण विभाग द्वारा हालांकि अवैध कब्जे साबित होने पर नवंबर, 2017 में 37 लोगों के बिजली व पानी के कनेक्शन काटने के लिए संबंधित विभाग को लिखा गया था, मगर इनमें से केवल 3 पेयजल कनेक्शन अब तक कटे हैं।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संगड़ाह रतन शर्मा ने बताया कि जल्द ही इस बारे में एसडीएम की अदालत में केस दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की अन्य सड़कों से भी अवैध हटाने की प्रक्रिया जारी है।