जय प्रकाश। संगड़ाह
उपतहसील मुख्यालय हरिपुरधार में पिछले 3 माह में सीएचसी में डॉक्टर की गैरमौजूदगी में 3 मरीज दम तोड़ चुके हैं। इन तीनों मरीजों को जब सीएचसी हरिपुरधार लाए जाने पर यहां 2 में से एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। गत 27 दिसंबर को 45 वर्षीय सैलपाब निवासी बस्ती राम पेड़ से गिर कर गंभीर रूप से घायल हुआ तो सीएचसी हरिपुरधार लाया गया।
यहां डॉक्टर उपस्थित न होने के चलते उसे संगड़ाह रेफर किया गया, मगर रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद 13 जनवरी को रनवा गांव की 35 वर्षीय सुमन घास काटते हुए ढाक में गिर गई थी। उसे भी तुरंत सीएचसी हरिपुरधार लाया गया, मगर उस दिन भी सीएचसी में डॉक्टर नहीं थे। सुमन को भी इलाज के लिए संगड़ाह भेजा गया, मगर सुमन ने भी रास्ते मे ही दम तोड़ दिया।
मंगलवार को हुई एक ताजा घटना ने एक बार फिर सरकार व स्वास्थ्य की कार्यप्रणाली की पोल खोलकर रख दी है। सिद्धोटी निवासी 24 वर्षीय बलबीर सिंह को करंट लगने के बाद जब सीएचसी हरिपुरधार लाया गया तो यहां पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। मौजूद स्टाफ ने मरीज को संगड़ाह ले जाने को कहा, मगर तब तक काफी देर हो गई थी। संगड़ाह पहुंचने पर डॉक्टरों ने बलबीर को मृत घोषित कर दिया।
2 वर्ष पहले जब पीएचसी हरिपुरधार को सीएचसी का दर्जा प्रदान किया गया था तो क्षेत्र के लोगों को आस बंध गई थी कि सीएचसी का दर्जा मिलने के बाद यहां पर डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की भी तैनाती होगी। सीएचसी का दर्जा प्राप्त होने के बाद गत वर्ष यहां मौजूद एक डॉक्टर को बीएमओ संगड़ाह का कार्यभार सौंपा गया।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार सीएचसी में जो एकमात्र डॉक्टर कार्यरत है वह भी विभागीय कार्यक्रमों तथा कार्यशालाओं व्यस्त रहते हैं। उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद संगड़ाह अस्पताल में भी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं तथा यहां एक माह से 108 एंबुलेंस तथा वर्ष 2019 से एक्स-रे सुविधा ठप है।
कार्यवाहक बीएमओ संगड़ाह डॉ. कृष्णा भटनागर ने कहा कि मंगलवार को ही हरिपुरधार में तैनात डॉक्टर छुट्टी पर गए तथा यहां एक अन्य चिकित्सक को प्रतिनियुक्ति किया गया है।