ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने की मांग
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : सीटू का दामन छोड़कर एसबीआई कांट्रैक्ट एंड कैजुअल कर्मचारी संघ ने भारतीय मजदूर संघ से हाथ मिला लिया है। भारतीय मजदूर संघ में विलय के बाद शनिवार को एसबीआई कांट्रैक्ट एंड कैजुअल कर्मचारी संघ द्वारा पहले सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन में ठेका प्रथा के तहत कार्य कर रहे कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा की गई। दोनों संघ के पदाधिकारियों की अध्यक्षता में कर्मचारियों ने कहा कि जो बैंक के साथ ठेकेदार का करार हुआ है उसके तहत उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा, न ही उन्हें छुट्टियों की सुविधा प्रदान है तथा अन्य सभी सुविधाओं से भी वंचित रखा जा रहा है। कर्मचारियों ने सम्मेलन में आवाज उठाई कि सरकार कोई ऐसी ठोस निति बनाए जिससे कि कर्मचारियों का शोषण न हो और साथ ही ठेकेदारी प्रथा को समाप्त किया जाए।
भारतीय मजदूर संघ के शिमला मंडल अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि आज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कांट्रैक्ट एंड कैजुअल कर्मचारी संघ का भारतीय मजदूर संघ में विलय के बाद पहला सम्मेलन है, जहां कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं उठाई है। उन्होंने कहा कि मजदूर संघ मांग करता है कि बैंक इन कर्मचारियों को किसी नीति के तहत सीधे भर्ती करे, जिससे कि इनका शोषण न हो। बैंक इन कर्मचारियों को ठेके पर न भर्ती करें कॉन्ट्रैक्ट या अन्य आधार पर भर्ती करे, जिससे उन्हें पूरी तरह से लाभ मिल सके। कर्मचारियो ने कहा कि मजदूर संघ सरकार के समक्ष भी ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने का मुद्दा उठाएगा।