अव्यवस्थित ट्रैफिक सिस्टम के चलते जाम में फंसे लोग, अधिकारी-कर्मचारी दफ्तरों में पहुंचे लेट
हिमाचल दस्तक : ओम शर्मा। बद्दी : बीबीएनआई, प्रशासन और एडवेंचर सोसाईटी द्वारा जल संरक्षण और प्लास्टिक यूज को लेकर आयोजित मैराथन में अव्यवस्था का आलम रहा। जिसमें सबसे बड़ी लापरवाही यह सामने आई की मैराथन के लिए बेलगाम ट्रैफिक के बीच जान जोखिम में डालकर स्कूली बच्चों व धावकों को दौड़ा दिया गया।
हैरानी तो इस बात की है कि मैराथन के आयोजन को लेकर कोई ट्रैफिक प्लानिंग नहीं की गई। जिसका हश्र यह हुआ कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों समेत उद्योगों में कार्यरत स्टाफ व कामगार समय पर अपने गंतव्यों पर नहीं पहुंच पाए। ट्रैफिक जाम के चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मैराथन को लेकर न डाईवर्ट किया गया ट्रैफिक न रोका गया, ट्रैक पर थे आवारा पशू
बीबीएनआई, प्रशासन और एडवेंचर सोसाईटी द्वारा आयोजित मैरॉथन को लेकर न तो ट्रैफिक डाईवर्ट किया गया और न ही ट्रैफिक को रोका गया। जिसके चलते मैरॉथन में भाग लेने वाली सभी आयु वर्ग के प्रतिभागियों को वाहनों की रेलम-पेल के बीच दौडऩे को मजबूर होना पड़ा। कई छोटे बच्चे, छात्र-छात्राएं व महिलाएं वाहनों के आगे जान जोखिम में डालकर दौड़ती दिखीं। हैरानी तो इस बात की है कि 10 किलोमीटर लंबे इस मैरॉथन ट्रैक से आवारा पशु तक हटाए नहीं गए। सड़कों पर पशुओं की भरमार होने के चलते छोटे बच्चों, छात्राओं और महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई धावक तो पशुओं की चपेट में आने से बाल बाल बचे।
ट्रैक पर नादारद रहा पुलिस व प्रशासनिक अमला, बच्चों को पानी तक नहीं मिला
मैरॉथन के लिए निमंत्रण पैलेस से लेकर बीबीएनआईए कार्यालय तक चयनित किए गए ट्रैक पर सिर्फ डाईवर्शन पर ही पुलिस कर्मी तैनात थे। सिर्फ तीन टर्न पर पुलिस कर्मियो को तैनात किया गया था, इसके अलावा 10 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर न तो पुलिस कर्मी और न ही प्रशासनिक अधिकारी कहीं नजर आए। जिसके चलते बच्चों और धावकों को अपने रिस्क पर ट्रैफिक के बीचों- बीच भागना पड़ा। इस दौरान कई छात्र-छात्राओं को चोटें भी आईं।
मैरॉथन के लिए 10 किलोमीटर लंबे टै्रक पर सिर्फ दो जगह पानी की व्यवस्था थी। मज्जेदार बात यह है कि जहां पानी था वहां गिलास नहीं थे और जहां गिलास थे वहां पानी नहीं था। जिसके चलते तपती धूप के बीच छात्र-छात्राएं पानी के लिए बिलकते दिखे। पानी की व्यवस्था न होने पर मौके पर मजूद कई लोगों ने सवाल भी उठाए, कि अगर पानी की व्यवस्था ही नहीं थी तो मैरॉथन करवाने की क्या जरूरत थी।
लोगों को जागरूक करने वाले प्रशासन ने मैराथन में खुद किया प्रयोग किए सिंगल यूज प्लास्टिक ग्लास
बीबीएनआई, प्रशासन और एडवेंचर सोसाईटी द्वारा जल संरक्षण और प्लास्टिक यूज को लेकर आयोजित मैराथन में खुद ही आयोजक पेयजल के लिए गिलासों की व्यवस्था नहीं कर सके। जिसके चलते धावकों को प्लास्टिक व सिंगल यूज गिलासों में पानी पीने को मजबूर होना पड़ा। यहां सवाल यह भी उठता है कि अगर मैरॉथन सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजित की गई थी तो आयोजकों ने खुद क्यों इवेंट में सिंगल यूज और प्लास्टिक के गिलासों का इस्तेमाल किया।
मैराथन में अव्यवस्था को लेकर एसडीएम नालागढ़ प्रशांत देष्टा से सीधी बात
सवाल : चलते हुए ट्रैफिक के बीच बच्चों की जान जोखिम में क्यों डाली गई। ट्रैफिक सिस्टम क्यों नहीं बनाया गया।
जबाब : मैरॉथन एएसपी बद्दी और थाना प्रभारी बद्दी की अगुवाई में आयोजित की गई थी। ट्रैफिक को डाईवर्ट भी किया गया था। मैरॉथन के दौरान सड़कों पर वाहन थे, इसकी मुझे जानकारी नहीं।
सवाल : न तो ट्रैफिक रोका गया और न ही डाईवर्ट किया गया, कोई हादसा होता जो जिम्मेदार कौन था।
जबाब : ट्रैफिक व्यवस्था का जिम्मा पुलिस के हवाले था। मैरॉथन शांति पूर्वक संपन्न हुई, किसी तरह का कोई हादसा सामने नहीं आया।
सवाल : 10 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर सिर्फ 4 टर्निंग प्वाईंट पर पुलिस थी, तंग लक्कड़ पुल भी कोई मौजूद नहीं था।
जबाब: मैरॉथन ट्रैक पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी, कुछ स्थानों पर प्रशासन के लोग भी मौजूद थे। लक्कड़ पुल पर क्यों कोई पुलिस कर्मी नहीं था, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
सवाल : मैरॉथन ट्रैक पर आवारा पशु मौजूद थे, जिससे छोटे बच्चों, छात्राओं और महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जबाब : मैरॉथन ट्रैक का निरीक्षण किया गया था, ट्रैक पर ऐसा कुछ नहीं था। बाद में पशु कहां से आए इसकी मुझे जानकारी नहीं।
सवाल : पानी की व्यवस्था सुचारू नहीं थी, बच्चों को तपती धूप में परेशानी उठानी पड़ी।
जबाब: पानी की व्यवस्था के लिए डयूटी लगाई गई थी, हो सकता है कहीं थोड़ी बहुत दिक्कत आई हो।
सवाल: इवेंट में सिंगल यूज प्लास्टिक व थर्मोकोल गिलास क्यों प्रयोग में लाए गए।
जबाब: इवेंट को सही तरीके से आयोजित किया गया था, जिसके चलते वहां इतनी बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए। सिंगल यूज और प्लास्टिक गिलासों की उन्हें जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच की जाएगी।
अगर मैरॉथन में सिंग्ल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल हुआ है तो वह बिल्कुल गल्त है। इसकी जांच की जाएगी और कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मैरॉथन के लिए टै्रफिक को क्यों नहीं रोका गया, इसकी जांच के आदेश दिए जाएंगे। जो भी अव्यवस्थाएं व अनिमितताएं रही हैं उनकी जांच कर, सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
— केसी चमन, जिलाधीश सोलन।