सीनियर मोस्ट लेक्चरर नामित होंगे और वित्तीय लाभ भी कोई नहीं
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य के सरकारी स्कूलों में अब सबसे वरिष्ठ प्रवक्ता वाइस प्रिंसिपल नामित होंगे, लेकिन वाइस प्रिंसिपल को केवल पदनाम ही मिलेगा। सरकार न तो उनका वेतन बढ़ाएगी और न ही उन्हें स्कूल में अलग से ऑफिस देगी। यानी से अलग से कोई पद क्रिएट नहीं होगा।
प्रधान सचिव शिक्षा केके पंत ने बुधवार को इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य में मौजूद 1900 के लेक्चरर काडर की मांग पर यह घोषणा सरकार ने की थी। शिक्षक पिछले काफी समय से सीनियर सेकंडरी स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल की पोस्ट मांग रहे थे। शिक्षा विभाग ने यह मामला कैबिनेट के लिए भेजा था। करीब 3 महीने पहले कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी। शिक्षा विभाग ने वाइस प्रिंसिपल नियुक्त करने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है।
इसमें कहा गया है कि हर स्कूल में सीनियर लेक्चरर को वाइस प्रिंसिपल बनाया जाएगा। यदि ट्रांसफर से स्कूल में कोई सीनियर लेक्चरर आ जाता है और वाइस प्रिंसिपल उससे जूनियर है तो उस स्थिति में वाइस प्रिंसिपल को हटाकर सीनियर को दोबारा से वाइस प्रिंसिपल बनाया जाएगा। वाइस प्रिंसिपल बन जाने के बाद भी लेक्चरर को रूटीन में क्लास लेनी होगी।
राजकीय अध्यापक संघ को पसंद नहीं आया फैसला: राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह अस्थायी पद नहीं है न ही इसमें कोई वित्तीय लाभ मिल रहा है। इस तरह की व्यवस्था पहले से चल रही है। संघ ने सरकार से मांग की है कि वाइस प्रिंसिपल को स्थायी पदनाम देकर वित्तीय लाभ दे।
प्रमोशन के लिए भी यह शर्त होगी
वाइस प्रिंसिपल सिर्फ नामित किया जाएगा। वाइस प्रिंसिपल को प्रमोशन में इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। प्रिंसिपल के पद पर प्रमोशन भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत ही की जाएगी। सीनियर टीचर आने के बाद वाइस प्रिंसिपल को कभी भी बदलना होगा।