संजीव डोगरा। दौलतपुर:
सलोह बैरी गांव स्थित ईंट भट्ठे से आधी रात को एसडीएम गगरेट विनय मोदी ने 15 बंधुआ मजदूरों समेत 25 लोगों छुड़वाया । एसडीएम ने सभी पुलिस प्रोटेक्शन में दौलतपुर चौक के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पहुंचाकर उन्हें शरण दिलाई।
जानकारी के अनुसार सलोह बैरी गांव में ईंट भट्ठा चल रहा है, जिसे मालिक ने होशियारपुर (पंजाब) जिले के दसूहा की एक फर्म को ठेके पर दिया था। इस फर्म ने एक लेबर कांट्रेक्टर के माध्यम से करीब 25 मजदूर, जिनमें 10 पारिवारिक लोगों को काम पर रखा।
ईंट भट्ठा संचालक ने लेबर के लिए कांट्रेक्टर को 4 लाख रुपये की अग्रिम राशि दी थी, लेकिन लेबर कांट्रेक्टर मजदूरों को भुगतान किए बगैर मौके से फरार हो गया। इस पर ईंट भट्ठा संचालक पिछले दो माह से राशन-पानी दिए बगैर लेबर से काम करवा रहा था और लेबर को रोजी-रोटी के लाले पड़ गए थे। जब ईंट भट्ठा संचालक ने मजदूरों की गुहार न सुनी तो मजदूरों ने एक एनजीओ से संपर्क किया।
इसकी जानकारी एसडीएम गगरेट विनय मोदी को दी। एसडीएम ने कार्रवाई करते मजदूरों को मुक्त करवाया। वहीं ईंट भट्ठा संचालक ने मजदूूरों के आरोपों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने शीघ्र उक्त लेबर कांट्रेक्टर के खिलाफ कानूनी कारवाई अमल में लाने की बात कही है। एसडीएम विनय मोदी ने बताया कि ईंट भट्ठे से 25 मजदूरों को छुड़वाया और उन्हें रेस्ट हाउस में शरण दिलाई है।
डराया-धमकाया जाता था पैसे मांगने पर
आप बीती सुनाते हुए एक मजदूर ने बताया कि दो माह से उनसे काम तो लिया जा रहा था, लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा था। जब भी पैसे मांगते तो उन्हें डराया धमकाया जाता, यहां तक बीमार होने पर इलाज करवाना मुश्किल हो गया था। भट्ठे पर काम कर रही एक गर्भवती महिला को उपचार तो दूर स्कैनिंग तक करवाने के लिए पैसे नहीं दिए गए।