- पशुपालन विभाग ने अब भेजा मामला
- मुआवजा लेने को अभी करना पड़ेगा थोड़ा इंतजार
विशेष संवाददाता। शिमला
लंपी वायरस से पशुओं की मौत के मामले में मुआवजा राशि देने की फाइल मुख्य सचिव को भेज दी गई है। मुख्य सचिव इस मामले में आपदा प्रबंधन विभाग के साथ चर्चा कर इसपर निर्णय लेंगे। अभी तक पशुपालन विभाग की ओर से इस संबंध में पत्राचार नहीं किया गया था मगर अब उन्होंने मामला भेज दिया है। उम्मीद है कि जल्दी ही आपदा प्रबंधन विभाग इसे महामारी घोषित करेगा जिसके बाद यहां पशु की मौत पर मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा।
लंपी वायरस को महामारी घोषित किए जाने की फाइल पशुपालन विभाग से राजस्व विभाग को मिल चुकी है। राजस्व विभाग इसका अध्ययन कर रहा है। इस बारे में अपने स्तर पर कोई भी फैसला लेने से पहले सरकार से विचार विमर्श होगा। राजस्व विभाग अगले एक दो दिन में रिपोर्ट तैयार करके मुआवजे की फाइल सरकार को मंजूरी के लिए भेजेगा । लंपी वायरस को राजस्व रिकॉर्ड में महामारी अधिसूचित करने के बाद ही लोगों को मुआवजे की राशि जारी की जाएगी।
इधर प्रदेश में इस संक्रमण से मरने वाले पशुओं का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में अब तक लंपी वायरस से 825 पशुओं की मौत हो चुकी है। लंपी वायरस से हर दिन हो रही पशुओं की मौत होने नए लोगों के साथ सरकार की चिंता को भी बढ़ा दिया है।
प्रदेश में लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं का आंकड़ा 31507 के पास पहुंच गया है। इसमें लंपी वायरस के 22094 एक्टिव केस हैं। इस बीच 8588 पशु इस संक्रमण से ठीक भी हुए हैं। हालांकि इस संक्रमण से पशुओं के ठीक होने की दर थोड़ी धीमी है लेकिन हर दिन इस संक्रमण से हो रही पशुओं की मौत ने लोगों को डरा दिया है।
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने एलान किया था कि आपदा प्रबंधन के माध्यम से दुधारू पशु की मौत पर 30 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। जो अभी तक लोगों को नहीं दिया गया है। जब तक आपदा प्रबंधन की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं होती और जिलाधीशों को निर्देश नहीं दिए जाते तब तक किसी को मुआवजा भी नहीं मिल सकता।
प्रदेश के 9 जिलों में लंपी वायरस पशुओं में फैला हुआ है और लगातार मौतें हो रही हैं।