जीएसटी लागू होने के बाद वैट का टैक्स नहीं हुआ जमा,लोक निर्माण विभाग के कारण कई जीएसटी खाते होने लगे बंद, ठेकेदारों को आयकर विभाग के आने लगे हैं नोटिस
अरविंद शर्मा। शिमला: प्रदेश के लोक निर्माण विभाग और ठेकदारों में बीच टैक्स को लेकर जीएसटी खाते बंद होने लगे हैं। लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश में जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स की अदायगी ठेकेदारों को नहीं की और न ही आयकर विभाग में जमा करवाई है। हालांकि विभाग ने ठेकेदारों के काम की अदायगी कर दी और टैक्स की राशि अपने पास ही रखी है।
विभाग के सूत्रों के अनुसार, जब लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदारों का काम आंबटन किया था जो विभाग और ठेकेदार के बीच हुए एग्रीमेंट हुआ था, उसमें कुल राशि का आयकर विभाग को ठेकेदार का तीन प्रतिशत और विभाग का नौ प्रतिशत टैक्स जमा करवाना था, लेकिन विभाग ने जीएसटी लागू होने के बाद आयकर विभाग को टैक्स की अदायगी ही नहीं की। सूत्रों के अनुसार अब आयकर विभाग ने कुछ ठेकेदारों के जीएसटी के खाते लॉक कर दिए हैं और अधिकतर ठेकेदारों को टैक्स जमा करवाने के निए नोटिस भेज दिए हैं।
अब अधिकतर ठेकेदारों की परेशानी बढऩे लगी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की ठेकेदार यूनियन इस मामले को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उठा चुकी है। तब मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को ठेकेदारों के इस मामले को हल करने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक यह मामला विभाग से हल नहीं हुआ। ठेकेदारों का एक प्रतिनिधिमंउल बुधवार को लोक निर्माण विभाग के सचिव जेसी शर्मा से मिला और इस मामले को उठाया।
प्रतिनिधिमंडल ने लोनिवि सचिव को बताया कि आयकर विभाग का टैक्स न अदा करने से प्रदेश के राजस्व को करोड़ों का नुकसान हो रहा है, क्योंकि आयकर विभाग का 12 प्रतिशत जीएसटी देने के बाद 6 प्रतिशत आयकर विभाग प्रदेश सरकार का वापस करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के करीब 12000 ठेकेदार प्रभावित हो रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को अश्वासन दिया कि वीरवार को लोक निर्माण विभाग के समीक्षा बैठक में ठेकेदारों के इस मामले को हल कर दिया जाएगा।