सुंदर नगर ,अमित सूद।
लक्ष्य का निर्धारण मात्र भौतिक संसाधनों के आधार पर निर्धारित नहीं होता वरन लक्ष्य का निर्धारण विद्यार्थी की योग्यताओं, क्षमताओं व परिस्थितियों के आधार पर होता है। विश्व का इतिहास ऐसे अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है कि संसाधनों के अभाव के बावजूद व्यक्ति ने अपनी योग्यताओं, क्षमताओं व परिस्थितियों के आधार पर अपने निर्धारित उत्कृष्ट लक्ष्य को प्राप्त किया। इसलिए जब एक बार लक्ष्य निर्धारित किया तो उस पर अपनी पूरी ताकत झोंक देनी चाहिए ।
यह शब्द राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जड़ोल में जारी सात दिवसीय एनएसएस शिविर के दौरान रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित डॉक्टर राकेश शर्मा ने कहे । उन्होंने कहा की सही लक्ष्य का सही निर्धारण ना कर पाने से एक विद्यार्थी में उपस्थित प्रतिभा का सही उपयोग नहीं हो पाता इससे समाज और राष्ट्र को एक प्रतिभाशाली नागरिक से हाथ धोना पड़ता है । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा की 10 + 2 के बाद अगर वो असमंजस में हैं तो उन्हें अपने अध्यापकों की सहायता से अपने लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए और इसके लिए फिर जी जान से जुट जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि विद्यार्थी अपने दोस्तों की देखा देखी अपनी उच्च शिक्षा में प्रवेश ले लेते हैं जो कि सही नहीं है ।उन्होंने कहा कि हर एक विद्यार्थी में कोई न कोई प्रतिभा अवश्य होती है और वह अलग अलग होती है और उसी के हिसाब से विद्यार्थी को अपने लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए । लक्ष्य का निर्धारण करने के बाद आजकल जो बहुत सी बाधाएं उसे प्राप्त करने में आती है उसमें लगातार मोबाइल पर बने रहना , मोबाइल गेम में आसक्त रहना व नशे का सेवन करना हैं जिससे कोई भी विद्यार्थी अपने लक्ष्य से भटक सकता है ।
अतः मोबाइल का सही उपयोग करें, प्रत्येक दिन पढ़ाई की आदत और नशे से दूर रहें तो हम आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं ।उन्होंने कहा कि भारत एक महान देश है और इसमें सभी को अपना करियर चुनने की आजादी है और उन्होंने ऐसे कई उदाहरण दिए जिससे अति निर्धन परिवार के बच्चे भी बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त करने में सफल हुए हैं । कार्यक्रम की शुरुआत में कमल किशोर राघवा ने रिसोर्स पर्सन डॉक्टर राकेश शर्मा को एन एस एस कैप पहनाई व कला देवी ने स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया । इस अवसर पर एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर श्रीमती कला देवी, कमल किशोर राघवा व अश्विनी गुलेरिया उपस्थित रहे।