हिमाचल दस्तक। शाहतलाई
बाबा बालक नाथ जी की तपोभूमि शाहतलाई के बाजार में घूम रहे बकरे चर्चा का विषय बने हुए हैं कि आखिर इतनी संख्या में बकरे कहां से आए और किसने यहां छोड़े।
इन बकरों की वजह से दुकानदारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है जिसकी वजह से व्यापार मंडल में प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। दुकानदारों ने कहा कि एक माह से बाजार में 4-5 बकरे बाजार में घूम रहे हैं लेकिन प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा है।
ये बकरे कभी-कभी अचानक वाहनों के आगे आ जाते हैं, जिस वजह से कभी भी अनहोनी घटना घट सकती है। उल्लेखनीय है कि बाबा बालक नाथ जी की गुफा (दियोटसिद्ध) में श्रद्धालुओं की आस्था के अनुसार मन्नत पूर्ण होने पर बकरा चढ़ाया जाता है। गुफा में मंदिर प्रशासन की तरफ से बकरों को रखने का पुख्ता इंतजाम किया हुआ है लेकिन शाहतलाई मंदिर में न ही बकरा चढ़ाया जाता है और न ही बकरों को रखने की उचित व्यवस्था है।
ऐसे में शाहतलाई बाजार में घूम रहे बकरे कहां से आ गए, इसका किसी को भी कुछ पता नहीं है, जबकि यह बकरे ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा डालने के साथ दुकानदारों के नाक मे दम कर रखा है। यह बकरे कभी दुकानों की छतों पर चढ़ जाते हैं तो कभी दुकानदारों की दुकानों में लगे पर्दों (तिरपाल) फाड़ देते हैं।
इतना ही नहीं बल्कि नगर पंचायत तलाई द्वारा बाजार में सुंदरता को कायम रखने के लिए क्यारियों में लगाए गए फूलों को भी खा रहे हैं। हालांकि व्यापार मंडल के प्रधान राजेश कौशल, रमन शर्मा ने बताया कि इस संबंध में नगर पंचायत में भी शिकायत की लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस संदर्भ में एसडीएम झंडूता नरेश वर्मा ने कहा कि यह मामला अभी मेरे ध्यान में है। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत के अधिकारियों से बात कर शीघ्र ही इसका समाधान कर दिया जाएगा।