कमल शर्मा। शाहतलाई
बाबा बालक नाथ जी की तपोभूमि शाहतलाई में चैत्र मास के सुप्रसिद्ध मेलों के दौरान आस्था के नाम पर मौत का सफर किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष की भांति भी इन मेलों में पहुंचने वाले अधिकतर श्रद्धालु मालवाहक वाहनों में सफर करके माननीय न्यायालय के आदेशों की धज्जियां तो उड़ा ही रहे हैं, साथ ही अपनी जिंदगी को भी दांव पर लगा रहे हैं।
इस पर लगाम लगाने की बजाय सरकार और प्रशासन मूकदर्शक बन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं। पंजाब से आने वाले मालवाहक वाहन प्रदेश के बैरियरों से रोजाना श्रद्धालुओं को भरकर गुजर रहे हैं। हैरानी यह है कि ट्रकों व ट्रालियों में लकड़ी के फट्टे लगाकर इनको डबल डेक्कर बनाया जा रहा है और इसमें श्रद्धालुओं को भेड़-बकरियों की तरह ठूंसा जा रहा है।
एक-एक गाड़ी में 50 से 80 के बीच श्रद्धालु जान हथेली पर रखकर मौत का यह सफर कर रहे हैं। इस संदर्भ में पुलिस उपमंडलाधिकारी अनिल ठाकुर ने बताया कि अभी मामला मेरे ध्यान में आया है। उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग व यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों को किसी भी सूरत पर नहीं बख्शा जाएगा।