‘फूल’ से टकराने को कांग्रेसियों ने बनाई माला , माइनस सुधीर पार्टी को प्लस करने में झोंकी ताकत
हिमाचल दस्तक : उदयबीर पठानिया :सियासी चिंगारी : धर्मशाला में एक चमत्कार हुआ है। माइनस सुधीर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए कांग्रेस एकजुट हो गई है। कोई राजा-आनंद गुट नहीं है। सिर्फ कांग्रेस मैदान में डटी हुई है। उपचुनाव से पहले सुधीर शर्मा की हां-न में उलझी कांग्रेस ने अब सुलझन का टारगेट सिर्फ जीत को माना हुआ है। लंबे अरसे के बाद कांग्रेस में यह आठवां आश्चर्य बन गया है कि कांग्रेस एकजुट होकर भाजपा से लड़ रही है।
एक कमल के फूल से टकराने के लिए तमाम कांग्रेसियों ने अपने-अपने वजूद को एक ही माला में पिरो लिया है। सीएलपी लीडर मुकेश अग्निहोत्री ने फील्ड तो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सांसद विप्लव ठाकुर ने कंट्रोल रूम में कमांड संभाली हुई है। ठाकुर कौल सिंह, रंगीला राम राव, चौधरी चंद्र कुमार जैसे वरिष्ठ नेता एक-एक बूथ को खंगाल रहे हैं। हमीरपुर से अनिता वर्मा, आईडी लखनपाल तो चंबा से कुलदीप पठानिया, आशा कुमारी, ठाकुर सिंह भरमौरी, हमीरपुर से राजिंद्र राणा, पूर्व युकां प्रदेशाध्यक्ष मनमोहन कटोच के साथ पूर्व विधायकों में शामिल अजय महाजन,संजय रत्न, यादविंदर गोमा, जगजीवन पाल भी डटे हुए हैं। ऊना से सतपाल रायजादा, पालमपुर से आशीष बुटेल, पवन काजल भी मैदान में डटे हुए हैं। कहीं कोई गुट नहीं है।
सब यही साबित करने पर आमादा हैं कि सुधीर शर्मा कांग्रेस नहीं हैं, कांग्रेस संगठन है। सत्तारूढ़ भाजपा से टकराने के साथ-साथ यह सुधीर शर्मा से भी टकरा रहे हैं। दरअसल, कांग्रेसी नेताओं को यह उम्मीद थी कि देर-सवेर सुधीर पार्टी धर्म निभाने के लिए साथ आएंगे। पर यह हो न सका तो धैर्य टूटने की जगह एक अहम बैठक में यह तय हुआ कि अहम के वहम से टक्कर ली जाए। हाशिये से बाहर गई पुरानी कांग्रेस को दोबारा अंदर लिया गया। अब माइनस सुधीर कांग्रेस को प्लस में लाने के लिए जोर आजमाइश शुरू हो गई है। ताकत झोंकी जा रही है। नतीजे तो वक्त बताएगा, पर अभी कांग्रेसी जमात की सांझी ताकत के चर्चे हर तरफ हो रहे हैं। कमल के फूल के मुकाबले के लिए हाथ वाले मुक्का बनने की तैयारी में लगी हुई है। वह भी तब जब मोदी लहर सामने है।
यह अलग बात है कि…
इस मुहिम में कांग्रेसी जमात उन अपनों पर भी नजर लगाए हुए हैं कि कोई अपना गड़बड़ न करे। दो पूर्व विधायकों पर भी नजर है जो कथित तौर पर सुधीर के करीबी माने जाते हैं। इनकी रिपोर्ट भी लगातार बन रही है और हाईकमान तक जा रही है। अगर यह तथ्य सही साबित हो गए तो इनकी अगले विधानसभा चुनावों में टिकट कट जाएगी।
ब्लड प्रेशर 190, फिर भी जंग में
जज्बा देखिए,भाजपा-कांग्रेस के नेताओं की खराब तबीयतों के चर्चे हैं,पर पूर्व मंत्री चंद्रेश कुमारी 190 बीपी में भी डटी हुईं हैं। पुरानी कांग्रेस को लगातार दम देने का दम भर रही हैं। खुन्नस शायद बकाया कांग्रेसियों की तरह यही है कि सुधीर भैया हम जिंदा हैं…