प्रवीन मुंगटा। शिमला
ऑल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने शिमला में अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर ज़िलाधीश के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा।
कमेटी के चेयरमैन राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि शिमला में प्रीपेड बूथ खोलने की बात वर्ष 2018 से चल रही है लेकिन अभी तक इस योजना का कार्य शुरू नहीं किया गया है। फर्जी गाइड और एजेंट टूरिस्ट से मनमाना किराया वसूल रहे हैं, जिस कारण टूरिस्ट व स्थानीय लोगों के साथ प्रतिदिन लूट-खसोट के मामले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने सरकार से मांग कि है कि प्रीपेड बूथ लगाकर रेट फिक्स किए जाएं व किराए की दरों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए ताकि लूट-खसोट को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार गाड़ी की स्पीड औसत 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की ही होती है जिसमें सीट बेल्ट की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए सीट बेल्ट की अनिवार्यता को समाप्त करने पर पुनर्विचार होना चाहिए।
गाड़ी का पंजीकरण करवाने के लिए सरकार द्वारा पार्किंग व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है लेकिन बिना पार्किंग सर्टिफिकेट के गाड़ियों का पंजीकरण किया जा रहा है जो कि सरासर कानून का उल्लंघन है।
उन्होंने व्यावसायिक वाहनों के पंजीकरण के लिए पार्किंग प्रमाणपत्र की अनिवार्यता को समाप्त करने की बात कही। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकारी विभागों में लगने वाली गाड़ियों को जिलावार लगाया जाए और गाड़ी मालिकों को सीधे तौर पर टेंडर दिए जाएं। सरकारी विभागों में ठेकेदारी प्रथा को पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए।