हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
कोविड-19 वायरस की सेकेंड वेव को देखते हुए हिमाचल सरकार ने बड़े सरकारी मेलों और अन्य आयोजनों पर रोक लगा दी है। कैबिनेट बैठक के बाद डीसी-एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंगमें ये फैसला हो गया है। हिमाचल में मास्क अब जरूरी हो गया है। मास्क न पहनने पर चालान भी अब 500 रुपये का होगा। होम आइसोलेशन की निगरानी होगी और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनेंगे। निजी कार्यक्रमों में 200 लोगों की शर्त इंडोर कार्यक्रमों के लिए होगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य में कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कुछ जिलों में कोविड-19 के मामलों में अचानक वृद्धि होने पर चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल प्रभाव से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में टीकाकरण में तेजी लाई जाए क्योंकि केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए कोविड-19 की 1.80 लाख और खुराकें स्वीकृत की हैं, जो आगामी दो दिनों में यहां पहुंच जाएंगी। उन्होंने यह सुनिश्चित बनाने के भी निर्देश दिए कि लोग फेस मास्क और हैंड सेनेटाइजर का नियमित रूप से प्रयोग करें। इसके अतिरिक्त घरों में आइसोलेशन में रखे गए लोगों के लिए भी सभी मापदंडों का पालन अनिवार्य बनाया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों पता लगाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
दुकानदारों और अन्य व्यावसायिक संस्थानों को मास्क नहीं तो सेवा नहीं की रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। प्रदेश में सभी आधिकारिक मेलों का आयोजन नहीं होगाख् ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके। हालांकि जो मेले चल रहे हैं, वो जारी रहेंगे, लेकिन मानक संचालन प्रणाली को अपनाते हुए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के सामाजिक समारोहों में घरों के अंदर और बाहर केवल 50 प्रतिशत और अधिकतम 200 लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि सभी फील्ड अधिकारियों को इस महामारी की रोकथाम के लिए अपनाए जाने वाले विभिन्न कदमों की जानकारी है इसलिए उन्हें यह निश्चित करना चाहिए कि ऐसे सभी सामाजिक समारोहों पर प्रतिबन्ध हो, जहां लोग उचित परस्पर दूरी बनाकर नहीं रख रहे हों।
उन्होंने परीक्षणों, वायरस प्रभावित लोगों का पता लगाने और उपचार टेस्ट, ट्रेस एंड ट्रीट की रणनीति प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने पर बल दिया। इसके अतिरिक्त आरटीसीपीआर परीक्षणों को बढ़ाया जाना चाहिए और कंटेनमेंट जोन की पद्वति को कड़ाई के साथ लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में मामले तेजी से बढ़े हैं वहां लोगों के टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
लोगों को दवाई भी कड़ाई भी की रणनीति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान एवं जेसी शर्मा, स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग हरबंस सिंह ब्रसकोन भी बैठक में उपस्थित थे।
5000 रुपये के चालान पर विधानसभा में बहस
बैठक से पहले विधानसभा में मास्क न पहनने पर 5000 रुपये के चालान पर खूब बहस हुई। ये मामला नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में विशेष उल्लेख के तहत उठाया, क्योंकि उनके जिले ऊना में डीसी ने 5000 रुपये जुर्माना लगाने का आदेश जारी कर दिया था।
मुकेश ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बारे में पुनर्विचार करें और मास्क के चालान का आदेश सभी जिलों के लिए शिमला से करें। 5000 रुपये का चालान ठीक नहीं है। इस पर जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 5000 रुपये के जुर्माने को लागू नहीं किया जाएगा। हालांकि इसका मकसद लोगों में मनोवैज्ञानिक असर पैदा करना है।
स्कूल-कॉलेज भी फिर हो सकते हैं बंद
कोरोना के मामले यदि इसी गति से बढ़ते रहे तो आने वाले दिनों में स्कूल और कॉलेजों को भी सरकार बंद कर सकती है। इस बारे में स्थिति की निगरानी के बाद 25 मार्च तक फैसला लिया जाएगा। तब तक स्कूलों में चल रहे पेपर खत्म हो जाएंगे और इसके बाद बोर्ड कक्षाओं के पेपर ही 13 अप्रैल से शुरू होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति का आकलन करने के बाद इस बारे में फैसला लिया जाएगा। मुख्य सचिव अनिल खाची ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि बाजारों, धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थलों पर साफ. सफाई का समुचित ध्यान रखा जाए। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि फेस मास्क के उपयोग ने करने पर कड़ाई होगी।