प्रवीन मुंगटा। शिमला
हिमाचल में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं और उपचुनावों के बीच अब प्रदेश के 2 बड़े राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा में आरोप- प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।
बीजेपी जहां कांग्रेस को सेना पर दिए बयान पर घेर रही है वहीं कांग्रेस बीजेपी पर महंगाई, बेरोजगारी और गुटबाजी का निशाना साध रही है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता नरेश चौहान ने प्रदेश की भाजपा सरकार तथा संगठन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भाजपा को कांग्रेस की दिशा, नेतृत्व और नीति की चिंता छोड़ देनी चाहिए और अपने कुनबे में झांकना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बजाय भाजपा में ख़ेमेबाजी चरम पर है। भाजपा कई गुटों में बंट कर रह गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा पहले यह स्पष्ट करे कि भाजपा किसके कहने पर कार्य करती है, मुख्यमंत्री खेमा अलग है, अनुराग-धूमल खेमा अलग है और नड्डा खेमा अलग है। और आख़िरी में आरएसएस के कहने पर कार्य होते हैं।
नरेश चौहान ने कहा कि सरकार ने 4 वर्षों में विकास के मामले में प्रदेश को हाशिए पर लाकर छोड़ा है तथा जनता के ज्वलंत मुद्दे बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार बात नहीं करना चाहती है। कोरोनाकाल में लोगों की नौकरियां चली गईं, छोटे धंधे चौपट हो गए, वहीं महंगाई की बात की जाए तो पेट्रोल-डीजल 100 के पार हैं।
आज जिस उज्ज्वला योजना की प्रदेश सरकार बात करती है, उसमें सिलेंडर हजार के पार पहुंच चुका है, दैनिक दिनचर्या की चीजों के दाम सातवें आसमान को छू रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सरकार तथा केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह दो अहम मुद्दों पर चर्चा करे और देश एवं प्रदेश की जनता को बढ़ती महंगाई तथा बेरोजगारी से निजात दिलाए। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से 4 साल के कार्यों को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की।