बृजेश। शिमला
नई स्कीम कर्मचारी महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर शनिवार को विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारी पिछले 13 दिनों से लगातार धरने पर थे और शनिवार को उनके धरने का अंतिम दिन था। दोपहर 2 बजे तक भी जब सरकार की तरफ से कोई आश्वासन कर्मचारियों को नहीं मिला तो कर्मचारियों ने विधानसभा की ओर कूच किया।
कर्मचारियों ने देर शाम तक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया, जिसके बाद संघ का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला और मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी मांगों पर अमल किया जाएगा।
वहीं कर्मचारियों ने भी सरकार को 15 अप्रैल तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 15 अप्रैल तक मांगों पर अमल नहीं किया गया तो उसके बाद प्रदर्शन और उग्र होगा। संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि पिछले 13 दिनों से कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है, लेकिन सरकार के किसी मंत्री या प्रतिनिधि ने आकर कर्मचारियों की सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी एक मांग को लेकर इतने दिनों से सड़कों पर हैं, वहीं प्रदेश सरकार चुप्पी साधे बैठी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राजनीतिक जीवन में सेवा करने के लिए आए हैं और वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। फिर भी मुख्यमंत्री द्वारा मध्यम वर्ग में आने वाले कर्मचारियों का बजट में कहीं भी जिक्र नहीं किया, बल्कि अपनी और अन्य विधायकों के वेतन के लिए जरूर काम किया। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है।
उन्होंने कहा कि यदि समाज सेवक इस तरह से सिर्फ अपने लिए ही काम करेंगे और जनता को सड़क पर बेसहारा छोड़ेंगे तो जनता भी सड़कों पर ही उतरेगी और अपने हक के लिए लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला, जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही समस्या का हल निकाला जाएगा।
अध्यक्ष ने बताया कि अगर 15 अप्रैल तक सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आता है तो 18 अप्रैल को संघ की एक बैठक आयोजित कर प्रदर्शन को और उग्र किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।