साहिल डढवाल। नूरपुर
मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसले से उड़ान होती है। किसी शायर की यह लाइनें बहुत लोगों ने पढ़ी और सुनी होंगी, लेकिन नूरपुर के भड़वार गांव की श्वेता शर्मा ने इसे खूब ठीक से समझा है और साबित कर दिया है कि हौसले के दम पर आसमां भी हासिल हो सकता है।
दृढ़ संकल्प की मिसाल बनी श्वेता शर्मा ने सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट का पद हासिल करके अपने ससुराल भडवार का नाम प्रदेश भर में रोशन किया है। श्वेता शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जीवन ज्योति आदर्श विद्यालय खुड़ला से हासिल की है, उन्होंने बीएससी-नर्सिंग अंबाला व एमएससी नर्सिंग चंडीगढ़ से की है।
श्वेता शर्मा ने बताया कि उनकी बचपन से यह इच्छा रही है कि वह सेना में जाकर देश की सेवा करें। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, सास- ससुर, पति, परिजनों, मित्रों व गुरुजनों को दिया है। श्वेता शर्मा ने मिलिट्री नर्सरी सर्विस में कमीशन हासिल करके सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया है।
उनकी नियुक्ति मिलिट्री अस्पताल जम्मू में हुई है। श्वेता शर्मा के पति अखिल शर्मा एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं जबकि उनके ससुर डॉ. प्रेम कुमार शर्मा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पद से सेवानिवृत हुई है व सास शाहपुर में चीफ फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं। श्वेता शर्मा का मायका मंडी जिला के खुड़ला में है। उनके पिता अच्छर देव व माता शीतला देवी शिक्षक है जबकि भाई गोपाल इंजीनियर है।