चंद्रमोहन चौहान। ऊना:
इंदिरा मैदान ऊना में हुई सेना भर्ती प्रक्रिया पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक ओर जहां विडियो वायरल होने का मामला थमा ही था कि अब ऊना के सिक्ख युवकों ने सेना भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। युवाओं का आरोप है कि पूरे दस्तावेज होने के बाद भी उन्हें बाहर कर दिया गया। भर्ती प्रक्रिया के दौरान ऐसे दस्तावेज मांगे गए, जो कि जरूरी ही नहीं थे।
बुधवार को सेना भर्ती प्रक्रिया से निराश करीब ७० युवा ऊना सदर के विधायक सपताल सिंह रायजादा से मिले। युवाओं ने विधायक न्याय की गुहाई लगाई है। युवाओं का आरोप है कि सेना की भर्ती में धांधली हुई है, जिससे देश सेवा का सपना सिंजोए बैठे ऊना के युवाओं का भविष्य खतरें में पड़ गया है। युवाओं ने चेताया कि अगर सेना भर्ती को रद्द कर पुन: भर्ती का आयोजन न किया गया, तो मजबूर होकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
विधायक सतपाल सिंह रायजादा से मिलने पहुंचे युवाओं का कहना है कि सेना की भर्ती में ऊना के युवाओं के साथ धोखा किया गया है। खासकर सिक्ख युवाओं से जरूरत से ज्यादा दस्तावेज मांगे गए। युवाओं का आरोप है कि भर्ती हम देख रहे हैं, लेकिन दस्तावेज पिता के नाम के मांगे जा रहे है। चरित्र प्रमाण पत्र देने के बावजूद भी स्कूल का चरित्र प्रमाण पत्र मांग रहे है, जबकि युवाओं को स्कूल छोड़े हुए १ से तीन वर्ष हो गए हैं। ऐसे में स्कूल का चरित्र प्रमाण पत्र कहां से लाए।
इसके अलावा कभी पैन कॉर्ड, कभी राशन कार्ड तो कभी पासपोर्ट मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई युवा अभी १८ वर्ष के नहीं हुए हैं, ऐसे में पैन कार्ड कहां से लाए। इसके अलावा भर्ती में पासपोर्ट की क्या जरूरत है। युवाओं का आरोप है कि भर्ती के दौरान अन्य जिलों के युवाओं के लिए सुबह १० बजे तक प्रवेश दिया गया, लेकिन ऊना के युवाओं के लिए सुबह ६ बजे ही प्रवेश बंद कर दिया गया, जिसके कारण एक हजार से अधिक युवा भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने से वंचित रह गए।
युवाओं ने सेना अधिकारियों पर ही भेदभाव करने व चहेतों को लाभ देने का आरोप लगाया। उन्होंने एक स्वर में कहा कि इंदिरा मैदान ऊना में हुई भर्ती को रद्द किया जाए या फिर ऊना के युवाओं के लिए पुन: भर्ती का आयोजन किया जाए। युवाओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारी मांगों की अनदेखी की गई, तो मामले को हाईकोर्ट में ले जाने से गुरेज नहीं करेंगे।
इस अवसर पर अमरजीत सिंह, बलजीत सिंह, सौरव सैणी, हरदीप सिंह, इकबाल सिंह, प्रितम सिंह, विकास, हरदीप सिंह, यशपाल सिंह, वरिंद्र सिंह, हरप्रीत सिंह, परमजीत सिंह, जसप्रीत सिंह, हरदीप सिंह, प्रिंस सिंह, गुरविंद्र सिंह, प्रदीप सिंह, गुरदीप सिंह, दिलजीत सिंह, बलजिंद्र ङ्क्षसह, बलजीत सिंह, कमलजीत सिंह, मनदीप सिंह, तरलोचन सिंह, मनप्रीत सिंह, जसप्रीत सिंह, सौरव कुमार, सुशील कुमार, रमन कुमार, यशप्रीत सिंह, इकबाल सिंह, अर्जुन सिंह, मोहित, मदन हीर, हरजिंद्र सिंह, मनप्रीत सिंह, अमनदीप सिंह, जसप्रीत सिंह, जगवीर सिंह, लखविंद्र सिंह सहित अन्य युवा मौजूद रहे।
पांच दस्तावेज मांगे गए थे
युवाओं का कहना है कि भर्ती शुरू होने से पहले सेना अधिकारियों द्वारा पांच दस्तावेज मांगे गए थे, जिनमें शपथ पत्र, आधार कार्ड, एडमिट कार्ड, एजूकेशन प्रमाण पत्र व बोनाफाइड शामिल रहे। लेकिन भर्ती के दौरान इसके अलावा दस्तावेज मांगे थे, जिस बारे हमें बताया भी नहीं गया था। युवाओं ने कहा कि पांच दस्तावेज पूरा होने के बावजूद भी कईयों को बाहर किया गया।
पांच मिनट के दो वर्ष हुए बर्बाद
सेना भर्ती में प्रवेश न मिलने से निराश ऊना के युवा मंदीप ने कहा कि पिछले दो वर्ष से पांच मिनट की दौड़ के लिए मेहनत कर रहा हूं। लेकिन सेना अधिकारियों द्वारा प्रवेश न देने पर पूरे दो वर्ष बर्बाद हुए। उन्होंने कहा कि खुश होता कि अगर मेरी योग्यता के आधार पर निर्णय लिया जाता, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी दो वर्ष की मेहनत बेकार नहीं जाएगी।
युवाओं के हक के लिए लड़ेंगे: रायजादा
विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने युवाओं की बात सुनकर दुख जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार में कभी पटवारी भर्ती तो कभी पुलिस भर्ती पर सवाल उठाए जा रहे हंै, लेकिन अब सेना की भर्ती में युवाओं द्वारा बताई गई धांधली समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं के हक के लिए लड़ा जाएगा। युवाओं की आवाज को हर मंच पर उठाया जाएगा। अगर युवा हाईकोर्ट में केस दायर करना चाहते हैं, तो पीछे नहीं हटूगां। युवाओं की हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने मांग उठाई कि ऊना के युवाओं के लिए सेना भर्ती का पुन: आयोजन किया जाए।