लोगों में रोष, शिलान्यास की पटिकाएं लोगों को आते जाते मुंह चिढ़ा रही
हिमाचल दस्तक, दिनेश ठाकुर। संधोल
प्रदेश में नई सरकार के गठन के तुरंत बाद जनवरी माह में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के धर्मपुर दौरे के दौरान संधोल में हुए ताबड़ तोड़ शिलान्यास किए थे। लेकिन स्थिति यह है कि शिलान्यासों की पटिकाएं तो खूब चमक रही हैं लेकिन उन कार्यों का निर्माण शुरु नहीं हो पाया है। हैरानी यह है कि एक भी ईंट अभी तक नहीं लग पाई है। हालांकि प्रशासन की समीक्षा बैठकों में बार बार मुद्दा उठता रहा है। लेकिन विकास कार्यो को गति नहीं मिल पाई है।
आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी इन कार्यो को गति नहीं दे पाए हैं। इन शिलान्यासों को किए हुए 9 महीने का समय हो गया है। लेकिन कार्य नहीं हो पा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा किए गए इन शिलान्यास की पटिकाएं आज भी तहसील मुख्यालय के बाहर लोगों को आते जाते मुंह चिढ़ा रही हैं।
किन-किन के किए थे शिलान्यास
इनमें सबसे प्रमुख कार्य यहां की डेढ़ दर्जन पंचायतों की 23000 आबादी की स्वस्थ्य की तर्ज से बनने वाला 100 बिस्तर वाला अस्पताल है। जो करीब 30 करोड़ की लागत से बनेगा। लेकिन बिना सड़क और जगह की अभी तक कोई समुचित व्यवस्था न होने की वजह से अभी तक इसका न टेंडर लग पाया न कोई विकल्प बन पाया है। ऐसे में क्षेत्र का ड्रीम प्रोजेक्ट कब पूरा होगा इसका समय अभी तय नहीं हैं, जबकि पिछले अर्से भर से यहां स्वस्थ्य सेवाओं के नाम पर सिविल अस्पताल तो हैं, लेकिन सुविधाएं डिस्पेंसरी तक ही सीमित हैं। यही हाल राजकीय औद्योगिक संस्थान का भी है जिसे यहां बने हुए 11 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसे अपना भवन नसीब नहीं हुआ है।
उधर तीन पुल जो दर्जनों गांव को जोडऩे के लिए बनाए जाने थे, वह भी शिलान्यास तक ही सीमित होकर रह गए हैं। ये पुल जरेड व छम्ब, मसौत खड्ड व कनुहि व दयोल लहसनी नाला के बीच बनने थे। हालांकि इन पुलों के शिलान्यास की वर्षगांठ होने वाली है, लेकिन इनका निर्माण कब होगा इसका पता नहीं। ऐसे ही संधोल का मिनी सचिवालय, कुजाबलह का पुल, बलयाली-दयोल-कनुहि पेयजल योजना, रेशम प्रशिक्षण केंद्र, राजस्व भवन से लेकर केंद्रीय विद्यालय तक सभी शिलान्यास कतारबद्ध अपने अपने स्थान पर आज भी इस उम्मीद से कायम हैं कि कभी तो कोई कार्य मुकम्मल होंगे और लोग खुद को आदर्श विस क्षेत्र का अंग बनेंगे।
क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी
इन सब विकास कार्यो के अगले एक्शन प्लान के बारे में जब निर्माण विभाग के एक्सईयन जेपी नायक से बात की तो उन्होंने बताया कि आईटीआई के नाम हुई जमीन की इन्वेस्टिगेशन जारी है। तीन पुलों के टेंडर शीघ्र खोले जाने प्रक्रिया जारी है, और मिनी सचिवालय के टेंडर 22 अक्तूबर को खोले जा रहे हैं।