शकील कुरैशी: शिमला
पहाड़ी प्रदेश की हरियाली को बचाने और यहां की आबोहवा को साफ रखने के लिए एक बार फिर से बड़ी मुहिम शुरू होने वाली है। देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी है, जिसके लिए हिमाचल ने भी टास्क फोर्स बना रखी है। सूत्रों के अनुसार इस टास्क फोर्स ने अपनी सिफारिशें तैयार कर दी हैं, जिसके मुताबिक हिमाचल में पहली जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। हालांकि अभी निजी कंपनियों की ओर से एक मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिसपर फैसला आना है लेकिन इसके खिलाफ सरकार ने अपनी रणनीति बना ली है।
सरकार का पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग इस संबंध में काम कर रहा है और जल्दी ही उसका प्रस्ताव कैबिनेट के सामने जाएगा। सूत्रों के अनुसार यहां पर रीसाइकिल होने वाले प्लास्टिक का ही इस्तेमाल हो सकेगा, जो निजी कंपनियां सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करेंगी उनको खुद ब खुद अपने उत्पाद का प्लास्टिक नष्ट करना होगा।
सरकार के शहरी निकाय या ग्रामीण व्यवस्थाएं इसको हाथ नहीं लगाएंगी। बड़ी-बड़ी कंपनियों के कई ऐसे उत्पाद हैं, जोकि सिंगल यूज प्लास्टिक में बेचे जा रहे हैं और ये प्लास्टिक खत्म नहीं होता। हर साल प्रदेश में सफाई अभियान चलते हैं, जिसमें हजारों टन ऐसा कूड़ा उठाया जाता है, जोकि पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है। हिमाचल पहाड़ी प्रदेश है और यहां की हरियाली को बचाना बेहद ज्यादा जरूरी है।
ऐसे में सिंगल यूज प्लास्टिक को यहां पर पूरी तरह से बंद करके री-साइकिल होने वाले प्लास्टिक के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए एक बड़ी मुहिम सरकार के स्तर पर चलाई जाएगी। राज्य में पॉलिथीन को सबसे पहले बैन किया गया था। इसके बाद प्लास्टिक को भी प्रतिबंधित किया गया, लेकिन कई कंपनियां सुप्रीम कोर्ट में चली गईं। वहीं प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक की कटलरी आदि को भी यहां पर पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जिसके अच्छे नतीजे भी देखने को मिले हैं।
री-साइकल्ड प्लास्टिक के यूज को बनाई रणनीति
शादी, विवाह या दूसरे किसी भी आयोजन में ऐसे प्लास्टिक को अब यूज नहीं किया जाता है। इसी तरह से अब सिंगल यूज प्लास्टिक को भी यहां से हटाकर उसकी जगह री-साइकल्ड प्लास्टिक को तवज्जो दी जाएगी जिसके लिए रणनीति बना ली गई है। राज्य सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया है जोकि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी है।
इसमें सदस्य के रूप में प्रशासनिक सचिव उद्योग, सचिव श्रम एवं रोजगार, सचिव पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी, सचिव शहरी विकास, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, सचिव शिक्षा, सचिव युवा सेवाएं शामिल हैं। वहीं निदेशक पर्यावरण को इस टास्क फोर्स का सदस्य सचिव बनाया गया है। इनके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को इसमें सदस्य रखा गया है और उनके साथ निदेशक सूचना जन संपर्क, स्टेट को-ऑर्डिनेटर स्वच्छ भारत मिशन को भी इसमें शामिल किया गया है।
कैबिनेट में भेजी जाएंगी टास्क फोर्स की सिफारिशें
बताया जाता है कि जल्दी ही इस टास्क फोर्स की सिफारिशें कैबिनेट बैठक को भेजी जाएंगी ताकि केंद्र सरकार द्वारा तय अवधि पर यानी पहली जुलाई से यहां प्रतिबंध को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए और सिंगल यूज प्लास्टिक को हिमाचल से खत्म किया जा सके। इस संबंध में टास्क फोर्स की बैठक जल्दी होने वाली है।