दिनेश कुमार: करसोग
करसोग सिविल अस्पताल में विशेषज्ञों डॉक्टरों की कमी पर लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार साढ़े तीन साल का समय हो गया है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के गृह जिला के सिविल अस्पताल में विशषज्ञों डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं।
हैरानी की बात है कि आठ महीने पहले सर्जन ने ज्वाइन किया था सरकार में उसका भी तबादला कर दिया है। ऐसे में नाराज जनता ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां विशेषज्ञों डॉक्टरों की कमी को लेकर सोमवार को लोगों ने अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन किया। जिसमें लोगों ने विशेषज्ञों डॉक्टरों के खाली पदों को भरने और हाल ही में जारी सर्जन के तबादला आदेशों को रदद् करने की मांग की।
इस दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की। इस धरना प्रदर्शन में महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया। लोगों ने तुरन्त प्रभाव से विशेषज्ञ डॉक्टर भेजने की मांग की। इस दौरान लोगों ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल का कहना है कि करसोग नागरिक चिकित्सालय पर सवा लाख जनता निर्भर करती है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के न होने से गरीब जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों को हजारों रुपए टैक्सियों का भाड़ा चुकाकर इलाज के लिए शिमला या मंडी जाना पड़ता है। उन्होंने तुरन्त प्रभाव से विशेषज्ञ डॉक्टरों को भेजने और सर्जन के तबादला आदेश वापस लेने की मांग की है।