शिमला:
महाशिवरात्रि के मौके पर प्रदेश की चोटियों ने एक बार फिर से बर्फ की चादर ओढ़ ली है। वीरवार रात को राजधानी शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी दर्ज की गई है। राजधानी शिमला से सटे पर्यटन स्थलों कुफरी व नारकंडा में अच्छी बर्फबारी हुई।
इसके अलावा लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू व सिरमौर जिलों के ऊंचे क्षेत्रों में भी रूक-रूक कर बर्फबारी होती रही। वहीं मैदानी क्षेत्रों हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा व ऊना में अनेक स्थानों पर वीरवार रात अंधड़ के साथ बारिश हुई। शिमला शहर की ऊंची चोटी जाखू भी बर्फ से लकदक हो गई है। कुफरी में 23 सेंटीमीटर व शिमला शहर में 3 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। इससे पहले वीरवार को जहां राजधान शिमला में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री के आसपास था, तो वहीं शुक्रवार को शिमला का न्यूनतम तापमान 0 डिग्री के आसपास रहा।
पिछले कुछ दिनों से खिल रही अच्छी धूप से जहां लोगों को ठंड से थोड़ी बहुत रात मिली थी, वहीं अब लोगों को फिर से ठंड का प्रकोप झेलना पड़ेगा। वहीं आने वाले दिनों में भी प्रदेश में मौसम के खराब रहने की संभावना है। ऐसे में प्रदेश के तापमान में और अधिक गिरावट आने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है। उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान पहाड़ी इलाकों में और बर्फ गिरने के आसार हैं। जबकि मैदानों में मौसम साफ हो जाएगा। वहीं 24 फरवरी से 27 फरवरी तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ बना रहेगा।
परिवहन निगम की पांच बसें बर्फ में फंसीं
नाहन। सिरमौर जिले के ऊपरी क्षेत्रों चूड़धार और इसके आसपास बर्फबारी होने से समूचा क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ गया है। बर्फबारी के चलते यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। हिमाचल पथ परिवहन निगम के नाहन डिपो की करीब पांच बसें बर्फ में फंस गईं। बर्फबारी के चलते नाहन-हरिपुरधार, हरिपुरधार-कुपवी व हरिपुरधार-नौहरधार मार्ग बंद रहा।
लोक निर्माण विभाग ने नाहन-हरिपुरधार मार्ग को खोलने के लिए जेसीबी मशीन भेजे जाने के बाद शुक्रवार सायं तक मार्ग बहाल हो पाया। चूड़धार क्षेत्र में हुई भारी बर्फबारी के चलते श्रद्धालु इस बार महाशिवरात्रि को चूड़धार स्थित शिरगुल महाराज के दर्शन को नहीं जा सके। वहीं, एचआरटीसी नाहन डिपो के अड्डा इंचार्ज सुखराम ठाकुर ने बताया कि हरिपुरधार क्षेत्र में हुए बर्फबारी से निगम की 5 बसें विभिन्न रूटों पर फंसी हुई हैं।