शिमला:
राजधानी शिमला में इस बार बर्फबारी ने पिछले 8 साल और किन्नौर में 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। मौसम विभाग के शिमला केंद्र की ओर से जारी जनवरी महीने की समीक्षा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इसके अनुसार जनवरी महीने में शिमला में 7 बार बर्फबारी हुई है। इसमें 89.4 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकॉर्ड की गई। इससे पहले वर्ष 2012 में शिमला में 95 सेंटीमीटर बर्फ गिरी थी। 3 दिन पहले ही शिमला में भारी बर्फबारी हुई थी और अधिकांश इलाकों में बर्फ अभी पिघली भी नहीं है।
रात का तापमान अब भी माइनस में है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को जनवरी महीने की बर्फबारी के आंकड़े जारी कर कहा है कि जनवरी में शिमला में सर्वाधिक 109 सेंटीमीटर बर्फ वर्ष 1993 में गिरी थी। वर्ष 2004 में यहां 96.6 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई थी। उधर, जनजातीय जिला किन्नौर में बर्फबारी ने बीते 3 दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। किन्नौर के कल्पा में इस वर्ष जनवरी में 168 सेंटीमीटर हिमपात हुआ। इससे पहले यहां वर्ष 1994 में 164 सेंटीमीटर में हुआ था। प्रदेश के अन्य पर्वतीय जिलों में भी जनवरी में खूब हिमपात हुआ।
कुल्लू जिले के कोठी में 171 सेंटीमीटर और मनाली में 48 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। चंबा के डलहौजी में 69 सेंटीमीटर, लाहौल-स्पीति के गांदला में 114 सेंटीमीटर और केलांंग में 32 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। हिमाचल के शीत मरुस्थल माने जाने वाले केलांग में सामान्य से कम बर्फबारी हुई। मंडी जिले के बिजाही में 75 और जंजैहली में 47 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। इस बार सोलन के लोगों ने भी हिमपात का नजारा लिया। सोलन और कंडाघाट में 3 सेंटीमीटर बर्फ गिरी।
बारिश के मामले में भी बना नया रिकॉर्ड
प्रदेश में जनवरी महीने में 124.3 मिमी वर्षा हुई। यह सामान्य से 46 प्रतिशत अधिक है। 2004 के बाद प्रदेश में दूसरी बार सबसे अधिक वर्षा होने का रिकॉर्ड बना है। इससे पहले 2017 में 157.6 मिमी बारिश हुई थी, जो कि सामान्य से 64 प्रतिशत अधिक थी।
मौसम साफ, पर रहेगा ठंड का असर
मौसम विभाग के अनुसार अब अगले हफ्ते में प्रदेश में मौसम सामान्यतया साफ रहेगा, लेकिन इससे पहाड़ी क्षेत्रों में शीतलहर से ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। शिमला, भुंतर, कल्पा, मनाली आदि क्षेत्रों का न्यूनतम तापमान अब भी माइनस में चल रहा है।
कहां, कितनी सड़कें बंद
राज्य में अभी भी 2नेशनल हाईवे व 230 सड़कें बर्फबारी की वजह से बाधित हैं। सर्वाधिक 152 सड़केंं शिमला जिले में अवरुद्ध हैं। रोहड़ू सर्किल में 75, रामपुर में 71 व शिमला सर्किल में 5 सड़कें बंद हैं। कांगड़ा जोन में 50 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध रही। इनमें डलहौजी सर्किल की 48 और पालमपुर सर्किल की 2 सड़कें शामिल हैं। मंडी जोन में 26 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं। इनमें कुल्लू सर्किल की 20 और मंडी सर्किल की 6 सड़कें हैं।