- अब कृषि मंत्री के हस्तक्षेप के बाद हुआ टेंडर
- प्रोजेक्ट से स्पीति वैली में खत्म होगा बिजली संकट
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : ऊर्जा विभाग का स्पीति सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने का काम 2015 से फाइलों में ही दबा पड़ा है। स्पीति वैली में ऊर्जा विभाग के 2 मेगावाट के प्रोजेक्ट पर करीब 35 करोड़ की लागत आनी थी लेकिन अभी तक इस पावर प्रोजेक्ट के शुरू करने की काई भी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई थी।
हालांकि प्रदेश सरकार का भी इसमें अनुदान 2 प्रतिशत का था, जो कि सरकार ने ऊर्जा विभाग के पास 2015 में ही 3.40 करोड़ जमा करवा दिया था। अक्तूबर में लाहौल-स्पीति का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय से शिमला में मिला और इस संबंध में जानकारी दी। पता चला है कि इससे पहले कृषि मंत्री को भी इस पावर प्रोजेक्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मंत्री ने जब इस सोलर पावर प्रोजेक्ट के बारे में पता किया, तो ऊर्जा विभाग ने बताया कि 2015 से स्पीति में बनने वाले प्रोजेक्ट की तैयारी की थी, लेकिन अभी तक इसका काम भी शुरू नहीं हुआ।
कृषि मंत्री के हस्तक्षेप के पश्चात ऊर्जा विभाग ने इस प्रोजेक्ट की फाइल खोली तब जाकर विभाग इसको लगाने के लिए 4 साल बाद जागा है। अगर ऊर्जा विभाग समय पर इस सोलर पावर प्रोजेक्ट को लगा देता तो स्पीति वैली में बिजली की समस्या कब से हल हो चुकी होती। स्पीति की जनता का मानना है कि इस सोलर पावर प्रोजेक्ट के स्थापित होने से बर्फबारी होने के बाद भी बिजली की कोई समस्या नहीं होती।
ऊर्जा विभाग के पास स्पीति वैली के लिए 2 मेगावाट का सोलर पावर प्रोजेक्ट स्वाकृति हुआ था। 4 साल से यह प्रोजेक्ट फाइलों में ही दबा रहा। अब अक्तूबर में इस प्रोजेक्ट का टेंडर हो गया है। जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लग जाने से स्पीति वैली में बिजली समस्या दूर हो जाएगी।
-डॉ. रामलाल मार्कंडेय, कृषि मंत्री