हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
कोविड संक्रमण के दौर में प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों में रहने वाले लोगों को हिमाचल वापिस आने की छूट दो दी हैं, लेकिन उसके लिए कोविड ई पास सॉफ्टेवयर पंजीकरण करवाना जरूरी है। कोविड ई पास सॉफ्टवेयर पर कई लोग हिमाचल वापिस आने के लिए अपना पंजीकरण करवा रहे हैं और हिमाचल वापिस आ रहे हैं। लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे भी है और जो ई पास बनवाने के लिए फर्जी जानकारियां भर रहे हैं। कोई अभिताभ बच्चन के नाम से ई पास के लिए आवेदन कर रहा हैं, तो कोई डोनाल्ड टंप के नाम ई पास बनवाने के लिए आवेदन कर रहा है।
कोविड सॉफ्टवेयर पर ऐसे आवेदनों को मंजूर भी किया जा रहा है। वहीं अगर प्रशासन की माने तो कोविड सॉफ्टवेयर पर मिलने वाली मंजूरी अंतिम मंजूरी नहीं है। कोविड सॉफ्टवेयर पर मिलने वाली अनुमति कंफर्मेटरी यानि प्रमाणिक है। अंतिम मंजूरी प्रदेश के बार्डर पर पुलिस की ओर से पूरे दस्तावेजों को चैक करने के बाद ही दी जाएगी। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति गलत दस्तावेज दिखाकर हिमाचल आने की कोशिश करता हैं तो वह ऐसी हरकत करके हिमाचल वापिस नहीं आ पाएगा। बल्कि उल्टा अपने लिए ही मुश्किलें पैदा करेंगा। गौरतलब है बाहरी राज्यों से शिमला आने के लिए ई पास होना जरूरी हैं। साथ ही आरटीसीपीआर की नेगेटिव रिपोर्ट का होनी चोहिए, जिन लोगों के पास यह रिपोर्ट होगी उन लोगों को होम आइसोलेशन से मुक्ति मिलेगी। बिना नेगेटिव रिपोर्ट के वाले लोगों को 14 दिनों के होम आइसोलेशन में रहना पड़ेगा।
क्या कहता है जिला प्रशासन
डीसी शिमला आदित्या नेगी का कहना है कि सॉफ्टेयर पर आने वाले आवेदनों को सॉफ्टर पर ही अंतिम मंजूरी नहीं मिल जाती है। सॉफ्टवेयर पर मिलने वाली मंजूरी कंफर्मेटरी है। अंतिम मंजूरी बार्डर पर पुलिस की ओर से दी जाएगी। बार्डर पर पुलिस की आधार कार्ड, ड्राईविंग लाइसेंस समेत सभी दस्तावेज चैक किए जाएंगे। अगर कोई गलत सूचना पोर्टल पर देता हैं तो वह उस सूचना के आधार पर हिमाचल नहीं आ सकता है।
कोविड ई पास बनाने वाला सॉफ्टवेयर आवेदनों को क्रॉस मैच नहीं करता है। क्रॉस मैच करने से पेंडेसी बढ़ जाती हैं। सॉफ्टवेयर पर आने वाले आवेदनों को कंफर्मेटरी अनुमति ही दी जाती है, लेकिन यह अनुमित अंतिम नहीं होती है। अंतिम अनुमति बार्डर पर पुलिस ही देगी: आशुतोष गर्ग, निदेशक आईटी विभाग