अंबोटा में खड़े टिप्पर से बाईक चालक मौत मामला… –
चंद्रमोहन चौहान।ऊना:
थाना गगरेट के तहत अंबोटा में खड़े टिप्पर से टकराने के कारण हुई युवक की मौत मामले में पुलिस कप्तान दिवाकर शर्मा ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई अमल में लाई है। एसपी ने मामले में गगरेट के कार्यकारी एसएचओ, थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर और ट्रैफिक इंचार्ज को सस्पेंड कर डाला है। वहीं तीनों क खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी करते हुए डीएसपी हैडक्वार्टर अशोक वर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
तीनों पर कार्रवाई डीएसपी हरोली अनिल कुमार मैहता की आरंभिक जांच रिपोर्ट आने बाद की गई है। जिसमें हादसे के लिए इन अधिकारियों की लापरवाही और संवेदनहीनता को जिम्मेदार माना गया है। इससे पहले से गगरेट के ट्रैफिक इंचार्ज को सिर्फ लाईन हाजिर किया गया था। बता दें कि 27 जनवरी को अंबोटा में खड़े टिप्पर से टकराकर बाईक सवार संजय कुमार की मौत हुई थी। सड़क किनारे खड़ा टिप्पर 22 जनवरी से घटनास्थल पर खड़ा था। इतना ही नहीं टिप्पर ने सड़क का करीब 3 स 4 फुट एरिया भी कवर कर रखा था, जिससे हादसों को न्यौता भी मिल रहा था। संजय की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने चक्का जाम करते हुए खड़े टिप्पर का मामला पुलिस और प्रशासन के ध्यान में लाया था।
जिसके बाद हरकत में आए एसपी ऊना ने पुलिस टीम के साथ मौके का मुआयना करते हुए डीएसपी हरोली को मामले की जांच का जिम्मा सौंपते हुए हफ्ते भर में रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। एसपी दिवाकर शर्मा ने कहा कि पुलिस का यह कर्तव्य बनता था कि सड़क पर खड़े टिप्पर से हादसों के बचाव के लिए पुलिस को नाइट रिफ्लेक्टर्स, बैरिकेट्स या कोन लगाने चाहिए थे। जिससे आने-जाने वालों को आसानी से टिप्पर के खड़े होने का एहसास होता, लेकिन पुलिस के अधिकारियों ने लापरवाही और संवेदनहीनता का परिचय दिया है। जिसके चलते तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। वहीं तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जांच रिपोर्ट में आई गलती सामने
एसपी दिवाकर शर्मा को सौंपी रिपोर्ट में डीएसपी हरोली अनिल मैहता ने बताया कि यह टिप्पर छह दिन तक घटनास्थल पर खड़ा रहा। यदि टिप्पर सड़क किनारे न खड़ा होता, तो हादसा नहीं होता। रिपोर्ट में कहा गया है कि गगरेट के ट्रैफिक इंचार्ज ने 22 जनवरी को ही इस टिप्पर को देख लिया था। लेकिन टिप्पर को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया।
जांच रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि 22 जनवरी और उसके बाद थाना गगरेट के कार्यकारी एसएचओ और एक अन्य सब इंस्पेक्टर भी इस जगह से गुजरते रहे। लेकिन उन्होंने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे भी बड़ी हैरानी का तथ्य जांच में सामने आया कि इतने दिन तक खड़े टिप्पर को संजय कुमार की मौत के मात्र 24 घंटे के भीतर घटनास्थल से हटवा दिया गया।
–चंद्रमोहन चौहान, ऊना।