राज्य ब्यूरो प्रमुख : शिमला।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने इस कार्यकाल का अंतिम बजट 51 हजार 365 करोड़ का सदन में पेश किया। इस बजट में 60 साल से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को पेंशन देने का बड़ा एलान किया गया। इसके अलावा राज्य के लाखों पैरा कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। बेरोजगारों को रिझाने के लिए इस बजट में 30 हजार नौकरियों का भी एलान किया है। खास है कि जयराम सरकार का यह बजट सोशल सेक्टर के लिए समर्पित है। हालांकि सरकार ने 10 नई योजनाओं की घोषणाओं के साथ इस बजट में कृषि-बागबानी, शिक्षा और स्वास्थ्य को भी उम्मीदों के पंख लगाए हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में आकर्षक घोषणाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का यह इस कार्यकाल का पांचवां बजट है। हालांकि राजकोषीय और राजस्व घाटे वाले इस बजट में वित्तीय संसाधनों को लेकर भी चुनौतियां कई रहेंगी।
अगले वित्त वर्ष में 36 हजार 375 करोड़ की राजस्व प्राप्तियों के विरुद्ध 40 हजार 278 करोड़ का राजस्व व्यय होगा। इसके चलते 3903 करोड़ का राजस्व घाटा और 9602 करोड़ का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार 37 हजार 312 करोड़ रुपये की कुल राजस्व प्राप्तियां हुई हैं। कुल राजस्व व्यय 37 हजार 34 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
यानी संशोधित अनुमानों के अनुसार 278 करोड़ रुपये का सरप्लस राजस्व व्यय हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के बावजूद विकास की गति को बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जीडीपी के तीन प्रतिशत से अधिक ऋण लेने की अनुमति प्रदान की है। इस कारण प्रदेश में फिसकल रिस्पांसिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट एक्ट में संशोधन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बारे सदन में विधेयक लाया जाएगा।
अब 3 साल के लिए होगी हिमकेयर कार्ड की अवधि
हिमाचल में हिमकेयर कार्ड के नवीनीकरण की अवधि को एक साल से बढ़ाकर 3 साल कर दिया है। इतना ही नहीं हिमकेयर में नए परिवारों का पंजीकरण जनवरी से मार्च माह तक होता है, लेकिन अब इस योजना में नए परिवारों का पंजीकरण पूरा साल होता रहेगा। इतना ही नहीं प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद बंदियों को भी हिमकेयर योजना के तहत लाया जाएगा।
60 साल के बाद सभी को पेंशन
सीएम जयराम ठाकुर ने अंतिम बजट में बजुर्गों के बुढ़ापे को सुरक्षित कर दिया है। राज्य में अब सभी के लिए बिना किसी आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन की पात्रता की आयु सीमा घटाकर 60 वर्ष कर दी है। अब हर व्यक्ति को 60 वर्ष की आयु में पेंशन की सुविधा मिलेगी, जिससे बुढ़ापे में दूसरों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
सभी ग्रामीण परिवारों को मिलेगा पेयजल कनेक्शन
सरकार ने इस साल के अंत तक सभी ग्रामीण परिवारों के घरों में जल जीवन मिशन के तहत नल लगाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब तक 8 लाख 35 हजार नल कनेक्शन दिए गए हैं। 2022 के अन्त तक प्रदेश के सभी ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दे दिए जाएंगे।
हेक्टेयर ·भूमि पर होगा पौधारोपण
2030 तक राज्य के 30 प्रतिशत क्षेत्र को वन आवरण के अधीन लाया जाएगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 2022-23 में 15 हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया जाएगा। इसके अलावा भूमि कटाव को रोकने के लिए बांध भी बनाए जाएंगे।
करोड़ की सब्सिडी बिजली उपभोक्ताओं को
राज्य में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में सब्सिडी देने के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये की सब्सिडी का एलान किया है। यह सब्सिडी बिजली बोर्ड को दी जाएगी। इस साल सब्सिडी की राशि को बढ़ाया गया है क्योंकि प्रदेश में 60 यूनिट तक मुफ्त बिजली का प्रावधान किया गया है।
तक बढ़ाई औद्योगिक निवेश नीति
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत सरकार ने महिलाओं के लिए ऋण पर उपदान बढ़ाने का एलान किया है। सीएम ने बताया कि अब सभी महिलाओं को सरकार इतना उपदान प्रदान करेगी। सरकार ने एलान किया कि औद्योगिक निवेश नीति दिसंबर, 2025 तक जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत सरकार ने महिलाओं के लिए ऋण पर उपदान बढ़ाने का एलान किया है। सीएम ने बताया कि अब सभी महिलाओं को सरकार इतना उपदान प्रदान करेगी। सरकार ने एलान किया कि औद्योगिक निवेश नीति दिसंबर, 2025 तक जारी रहेगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के लिए सरकार ने 1662 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। मनरेगा में पंचवटी योजना के तहत 28 वाटिकाओं का निर्माण किया जा चुका है तथा अन्य पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। 2022-23 में 200 अतिरिक्त वाटिकाओं व पार्कों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
करोड़ रुपये से होगा शहरी विकास
शहरों के विकास और जनप्रतिनिधियों के मानदेय पर सरकार वित्त वर्ष 2022-23 में 713 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा इस बजट में नगर निकायों के प्रतिनिधियों पर भी पैसों की बरसात हुई है। सीएम ने अपने बजट में प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की है।
जयराम सरकार ने जो बजट पेश किया है वह संतुलित, सर्वस्पर्शी एवं सर्वहितकारी है। यह बजट हिमाचल को नई दिशा दशा देने वाला है। पेश बजट विकासोन्मुखी है। इस बजट में कर्मचारियों, कारोबारियों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों समेत समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखने का प्रयास किया गया है। इस बजट से हिमाचल के हर वर्ग का सशक्तिकरण होगा और प्रदेश के विकास में भागीदारी का पूरा अवसर मिलेगा।
—– अनुराग ठाकुर, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण एवं खेल मंत्री।
पेश किया गया बजट दिशाहीन है। बजट में बेरोजगारों और कर्मचारियों को निराश किया गया। सरकार ने सिर्फ आगामी चुनाव के मद्देनजर कुछ लोगों को लुभाने की कोशिश की है लेकिन इससे सरकार का कोई लाभ नहीं होने वाला। कर्मचारियों की मांगों में से एक भी बजट में शामिल नहीं है। आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकारी बनाने का बजट में कोई जिक्र नहीं। एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने का कोई जिक्र नहीं है।
— मुकेश अग्निहोत्री , नेता प्रतिपक्ष।
बुजुर्गों से आशीर्वाद, युवाओं से सपोर्ट को मास्टर स्ट्रोक
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने चुनावी बजट में कमजोर तथा उपेक्षित वर्ग पर फोकस किया है। साथ ही बुजुर्गों का आशीर्वाद पाने की भी कोशिश की है। प्रदेश के 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को पेंशन का तोहफा देकर मास्टर स्ट्रोक खेला है। इस घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश की कुल आबादी के 15 फीसदी वोटरों को खुश करने का प्रयास किया है। सीएम ने दूसरा बड़ा चुनावी स्ट्रोक प्रदेश के लाखों पैरा कर्मचारियों के मानदेय बढ़ोतरी पर खेला है। नए वेतनायोग के साथ कर्मचारियों को रिवाइज्ड स्केल मिल गया। इसके बाद ओपीएस की मांग हो रही थी।
ऐसे में मुख्यमंत्री ने अपने बजट में लाखों पैरा कर्मचारियों को तरजीह दी है। जाहिर है कि आउटसोर्स कर्मचारियों की प्रदेश में संंख्या एक लाख के करीब पहुंच चुकी है। आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर भी 70 हजार के करीब हैं। दिहाड़ीदारों की संख्या भी लाखों में है। इसके अलावा दूसरे पैरा कर्मचारियों का भी आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते इस वर्ग पर बजट के बहाने वोट की सेंधमारी की गई है। इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से लेकर आशा वर्कर तक हर पैरा वर्कर्स के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है।
यह पहला मौका है कि दिहाड़ीदार से लेकर पैरा कर्मचारियों के मानदेय में रिकॉर्ड वृद्धि का एलान हुआ है। इस घोषणा के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी, आंगनबाड़ी सहायिका, आशा वर्कर्स, सिलाई अध्यापिकाओं, मिड-डे मील वर्कर्स, वाटर कैरियर शिक्षा, जलरक्षक, जलशक्ति में मल्टी पर्पज वर्कर्स, पैरा फिटर, पंप ऑपरेटर, पंचायत चौकीदार, राजस्व चौकीदार, राजस्व लंबरदार, एसएमसी शिक्षक, आईटी टीचर और प्रदेश की सीमाओं पर प्रहरी बने एसपीओज का मानदेय अब बढ़ जाएगा।
इसके अलावा आउटसोर्स का भी अब न्यूनतम वेतन फिक्स कर इस वर्ग की कुछ हद तक नाराजगी दूर कर ली है। दिहाड़ीदारों का भी पहली बार 50 रुपये प्रतिदिन बढ़ाकर सीएम ने इस वर्ग को राहत देने का प्रयास किया है। प्रदेश में बेरोजगारी महंगाई के साथ बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है। यही वजह है कि युवा शक्ति को अपनी तरफ खींचने के लिए सीएम ने बजट में नौकरियों का पिटारा खोला है। राज्य में 30 हजार नई भर्तियों का एलान कर सीएम ने तीसरा बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है। अपने चुनावी बजट में सरकार ने महिला सशक्तिकरण पर भी जोर दिया है। इसके तहत उज्जवला गृहिणी योजना में अब हर साल तीन फ्री सिलेंडर देने का एलान हुआ है।
1971 में पेश किया गया था हिमाचल का पहला बजट
25 जनवरी 1971 को हिमाचल देश का 18वां राज्य बना था। पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद वित्त वर्ष 1971-72 में हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने 80.18 करोड़ रुपये का पहला बजट पेश किया था। हिमाचल का पहला बजट पेश करने का सौभाग्य तत्कालीन मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार को मिला था। 2021-22 में पहली बार पेपरलेस बजट पेश कर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इतिहास रचा था।