हिमाचल दस्तक : ऊना।
ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने कहा कि प्रदेश सरकार एकल नारी की सालाना आय 35 हजार से बढ़ाकर 90 हज़ार रुपए से अधिक करें। उन्होंने ऐलान किया कि एकल नारियों की इस मांग को आगामी विधानसभा सत्र में भी सदन के भीतर उठाया जाएगा। वहीं सरकार से केवल एकल नारी वर्ग ही नहीं, समाज अन्य वर्गों के लिए भी न्यूनतम आय के मामले पर पुनर्विचार करने की मांग उठाई जाएगी। इसके अलावा एकल नारियों की अन्य मांगों पर भी चर्चा की जाएगी।
विधायक सतपाल रायजादा मंगलवार को एकल नारी संगठन द्वारा न्यूनतम आय बढ़ाने के संदर्भ में दिए गए ज्ञापन के बाद बोल रहे हैं। विधायक ने कहा कि बढ़ती महंगाई के बीच मात्र 35 हज़ार रुपये सालाना आय बहुत कम है, ऐसे में सरकार को स्वयं ही इस मामले पर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज 400 रुपये दिहाड़ी एक मजदूर ले रहा है, यदि इसका भी योग किया जाए, तो सालाना आय 35 हज़ार रुपये को काफी पीछे छोड़ जाती है, लेकिन उससे भी बड़ा और कड़वा सच ये है कि महज 35 या 40 हज़ार रुपये में इन मज़दूरों के परिवारों का पालन -पोषण भी आज असंभव हो चुका है।
ऐसे में न्यूनतम आय का प्रमाण पत्र बनाने के लिए लोगों को भी गलत तथ्य देने पड़ते हैं, ऐसे में सिस्टम खुद ही लोगों को अनैतिक काम करने पर मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा कि एकल नारी के लिए भी सालाना 35 हज़ार रुपये आय बेहद कम है। प्रदेश सरकार जल्द न्यूनतम आय को पुर्नविचार के बाद तय करे। महंगाई के इस दौर में जनता सरकार के दशकों पुराने ढर्रे के कारण कई समस्याओं का सामना कर रही है।
उधर, एकल नारी कृषि शक्ति संगठन की पदाधिकारियों में सोनिका, रजनी रानी, नीलम और मीना कुमारी ने कहा कि एकल नारियों को न्यूनतम आय के मामले काफी दिक्कतें आ रही हैं, सरकार को एकल नारी की न्यूनतम आय 35 हजार रुपये से बढ़ा के 60 हज़ार रुपये करना चाहिए।